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दलित और पिछड़ों के बाल काटने पर सैलून मालिक का हुआ सामाजिक बहिष्कार, लगा 50,000 रूपये का जुर्माना

भारत में जातीय भेदभाव को समाप्त करने कि बात कही जाती है लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है क्या आपने कभी सोचा है कि दलित और पिछड़ों के बाल काटने पर किसी सैलून मालिक का बहिष्कार किया जा सकता है?? ऐसा ही एक वाक्य कर्नाटक राज्य के मैसूर से सामने आई है जहां दलित और पिछड़े वर्गों के बाल काटने पर सैलून मालिक को सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ रहा है साथ ही उस पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया गया है.

कर्नाटक के हल्लारे गांव में ऊंची जाति के लोगों ने यह फरमान सुनाया है कि मल्लिकार्जुन जो एक सैलून चलाता है उस पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया गया है साथ ही मल्लिकार्जुन को सामाजिक बहिष्कार भी किया गया है. कुछ दिनों पूर्व मल्लिकार्जुन की दुकान पर उचित जाति के लोग आए थे और उन्होंने उसे धमकी दी कि वह दलितों का बाल ना काटे.

ऊंची जाति के लोगों के द्वारा धमकाया जाने के बाद मल्लिकार्जुन ने शिकायत करने की बात कही तो ऊंची जाति के लोगों द्वारा उन्हें धमकी दी गई साथ ही मारपीट भी की गई और ₹5,000 भी छीन लिए गए इस पर नंजनगुड रूरल पुलिस का कहना है कि मल्लिकार्जुन मामला दर्ज नहीं कराना चाहता है इसलिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत करके मामले का निपटारा कर दिया गया है.