भारतीय किसान यूनियन ने इस विवादास्पद 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की है जिसमें इन तीनों कानूनों को सीधे चुनौती दी गई है दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि कृषि कानून के मसले पर पुरानी याचिकाओं को भी सुना जाए या नए कानून देश के कृषि क्षेत्र को सिर्फ और सिर्फ निजीकरण की ओर धकेल देगा साथ ही यह भी कहा गया इन नए कानूनों को किसानों से बिना किसी चर्चा के ही पास किया गया है कानून पास होने के बाद मोदी सरकार ने इस पर चर्चा की लेकिन सभी मुलाकाते ही बेनतीजा निकली है
किसान संगठनों ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह साफ किया है कि वे तब तक आंदोलन करेंगे जब तक कानून वापस नहीं ले लिया जाता है कानून वापस होने तक किसी भी कीमत में अपने आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे और अपनी लड़ाई को फिर से तेज करेंगे दूसरी तरफ देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने और संशोधन प्रस्ताव पर बात करने का अनुरोध किया है सरकार भी अब एमएसपी मंडित सिस्टम पर अपनी लिखित गारंटी देने को तैयार होती दिख रही है लेकिन इन सबके बावजूद किसान संगठनों ने कानून वापस ना होते देख एक बार फिर तीखे तेवर अपना लिए हैं और अब कह रहे हैं कि वे दिल्ली आने वाले रास्ते को भी बंद करेंगे साथ ही देश के सभी टोल प्लाजा को फ्री किया जाए किसान संगठनों ने सड़क जाम करने के अलावा अब रेल ट्रैक को भी बंद करने की चेतावनी दी है