Jharkhand : आज देश का तमाम वर्ग महंगाई के चपेट में आ गया है और महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित मिडिल वर्ग और गरीब तबके के लोग प्रभावित हैं. झारखंड आदिवासी और अति पिछड़ा राज्य है.जीएसटी को खाद्य सामग्री से जोड़ने से यहां के बहुतायत लोग परेशान और बदहाल हैं, जिसको लेकर राज्यसभा सांसद महुआ मांझी ने राज्यसभा में अपनी अभिभाषण में महंगाई का विरोध की. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आज भले ही पेट्रोल, डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी को जायज ठहरा रही हो, लेकिन 44 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसी मुद्दे पर इंदिरा गांधी की सरकार के ख़िलाफ़ हल्ला बोला था. वाजपेयी पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन में बैलगाड़ी से संसद पहुंचे थे और अपना विरोध दर्ज किया था. लेकिन आज भाजपा महंगाई के मुद्दे पर चुप है. मोदी सरकार की वजह से ही भारत में सबसे गरीब 20 फीसदी लोगों की आय पिछले 5 सालों में आधी से भी कम हो गई है. इसका मतलब यह है कि अगर उनकी जेब में पहले सौ रुपये थे तो अब 50 भी नहीं है. पिछले कुछ दिनों में देश में चाय, खाने के तेल, दाल, मीट, कुकिंग गैस और कई सेवाओं के भाव में 20 से 40 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है। मोदी सरकार के पहले 5 साल की बात करें तो उस अवधि में कीमतों में करीब 8 फ़ीसदी की वृद्धि हुई थी, जबकि पिछले 2 साल में सामान के खुदरा भाव 10 फ़ीसदी तक बढ़ गए हैं.
कोरोना संक्रमण की अवधि में केंद्र सरकार ने गरीबों को फ्री अनाज देने के अलावा कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. दिसंबर में बेरोजगारी की दर करीब 8 फ़ीसदी पर पहुंच गई. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की एक रिपोर्ट की माने तो करीब 4 करोड़ लोग रोजगार ढूंढ रहे हैं. पिछले 2 साल में कुकिंग गैस के भाव में 44 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है. सरकार ने पैक्ड और लेवल युक्त प्रोडक्ट, मछली, दही, पनीर, सोयाबीन, मटर, गेहूं, अनाज, जैसे प्रोडक्ट पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाकर भी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की कमर तोड़ने का काम किया है. आम आदमी की जेब में जैसे बड़ा छेद हो गया है लगता है. होटल के कमरों पर लगने वाले जीएसटी 12 प्रतिशत कर दिया गया है. जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक 1000 से कम किराए वाले कमरों पर आपको 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. खाने की चीजों के अलावा प्रिंटिंग, चाकू, पेंसिल, शार्पनर, एलईडी लैंप, आर्ट एंड ड्राइंग प्रोडक्ट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. वहीं टेट्रा पैक , बैंक की चेक की सर्विस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इसके अलावा मिट्टी से जुड़े प्रोडक्ट पर जीएसटी पांच प्रतिशत से बड़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है.
वहीं दूसरी ओर महंगाई के खिलाफ उठ रही आवाज को दबाने का प्रयास भाजपा सरकार कर रही है, जबकि उसे महंगाई को नियंत्रण करने की दिशा में कार्य करना चाहिए था. अपनी केंद्र की सरकार के खिलाफ वो कैसे बोल सकते हैं. इसलिए इस मुद्दे पर भाजपा नेता कुछ भी बोलने से बच रहें है. हालांकि इस महंगाई की मार से वे भी अछूते नहीं.
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