Ranchi News: झारखंड एक कृषि प्रधानता राज्य है. करीब 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. ग्रामीणों के रोजी-रोटी का एक प्रमुख जरिया खेती-बाड़ी है. लेकिन इस काम में सिंचाई एक बड़ी समस्या है. सर्वविदित है कि झारखंड सिंचाई के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हैं. कारण तो कहीं है, लेकिन सबसे प्रमुख भौगोलिक कारण का होना है. जल संरक्षण नहीं हो पाने के कारण सिंचाई में समस्या और बढ़ जाती है.
ऐसा नहीं है कि जल संरक्षण की दिशा में काम नहीं हुआ हो. पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के समय साल वर्षा जल संचयन के लिए मनरेगा योजना के तहत गांव-गांव में तालाब, डोभा निर्माण कराए गए. लेकिन डोभा निर्माण में भ्रष्टाचार की एक कथा लिखी गयी. वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार ने सिंचाई की समस्या को दूर करने और किसानों को सुखाड़ से राहत पहुंचाने के लिए हेमंत सरकार ने स्पेशल प्लान के तहत काम शुरू की है.
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राज्य के सभी 24 जिलों के प्रखंड में तालाब जीर्णोद्धार और परकोलेशन की योजना का शुभारंभ किया गया है. सुखाड़ की स्थिति से बचने के लिए पहली बार व्यापक तरीके से प्रखंडों और पंचायतों में स्वचालित वर्षा मापक यंत्र लगाया जाएगा. कैबिनेट से इसकी स्वीकृति मिल चुकी है.
Ranchi News: झारखंड में सुखाड़ और सिंचाई की साधन की समस्या काफी गंभीर
सभी जानते हैं कि झारखंड में सुखाड़ और सिंचाई की साधन की समस्या काफी गंभीर है. हर साल मानसून की स्थिति के कारण जिलों में सुखाड़ की स्थिति बनती है. इससे किसानों और फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है. सिंचाई की साधन नहीं होने से यह समस्या और दोगुनी हो जाती है. पिछले साल खरीफ सीजन में कई राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ा था. कम बारिश की वजह से बीते साल राज्य में गंभीर सूखा पड़ा था. इस वजह से राज्य के 24 में से 22 जिलों के 226 ब्लॉक गंभीर सूखे की चपेट में रहे. इससे धान के उत्पादन पर व्यापक असर पड़ा.
Ranchi News: 2133 तालाबों का जीर्णोद्वार और 2795 परकोलेशन का निर्माण स्पेशल प्लान का पहला कड़ी
हेमंत सरकार ने राज्य के सरकारी और निजी तालाबों के जीर्णोंद्धार के साथ साथ परकोलेशन टैंक का निर्माण कार्य का शुभारंभ किया है. इससे 24 जिलों के सभी प्रखंडों में 2133 तालाबों का जीर्णोद्वार और 2795 परकोलेशन का निर्माण करना शामिल हैं. जल संक्षरण की मजबूत बुनियाद रखने में यह अहम साबित होगी. कृषि विभाग के मृदा एवं जल संरक्षण योजना के तहत पहले चरण में राज्य में एक साथ 71 तालाबों का जीर्णोद्धार और 184 परकुलेशन टैंक निर्माण कराया जाएगा. योजना पर 118 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है. इसका फायदा यह होगा कि किसानों को पानी के कारण सूखा नहीं झेलना पड़ेगा.
Ranchi News: सुखाड़ से मिलेगी राहत – 263 प्रखंडो एवं 1633 पंचायतों में लगेगा स्वचालित वर्षा मापक यंत्र
राज्य में होने वाली सुखाड़ का सही और शीघ्र आकलन करने, किसानों को धान के अलावा अन्य फसलों के विविधीकरण की ओर जागरूक करने के लिए हेमंत सरकार 263 प्रखंडो एवं 1633 पंचायतों में राज्य सरकार स्वचालित वर्षा मापक यंत्र (ऑटोमेटिक रेन गेज) लगाएगी. इसपर कुल 47.90 करोड़ रुपए खर्च की जाएगी. सरकार का मानना है कि वर्तमान में प्रखंडों में पुरानी पद्धति से जिलावार वर्षा का डेटा एकत्रित की जाती है. इससे राज्य में माइक्रो लेवल पर वर्षा और सुखाड़ का आंकड़ा एकत्रित नहीं हो पाता. यंत्र का लगाने का एक फायदा यह भी होगा कि अधिक एवं कम वर्षा के पूर्वानुमान से फसल एवं पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए पूर्व में ही आवश्यक तैयारी की जा सकेगी.
Ranchi News: रघुवर सरकार में कृषि विभाग ने डोभा निर्माण योजना पर कर दिए 400 करोड़ रुपए खर्च
रघुवर दास सरकार में डोभा निर्माण में कैसे राशि की बर्बादी हुई, इसे आप ऐसे समझ सकते है कि कई स्थानों पर बिना उपयोग के ही डोभा पड़े हुए हैं. कृषि विभाग ने वर्ष 2016-17 और 2017-18 में करीब 1.5 लाख डोभा का निर्माण कराया था. इस पर करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किये गये. बाद में तकनीकी परेशानी के कारण इस स्कीम को कृषि विभाग ने बंद कर दिया. इस पर कृषि विभाग किसानों को 90 फीसदी अनुदान देता था. कृषि विभाग के स्कीम बंद हो जाने के बाद इस पर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है.