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शर्मनाक है सदन में भाजपा सांसद का सड़क छाप भाषा का इस्तेमाल, उससे ज्यादा शर्म की बात यह कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हंस रहे थे

Ranchi: 1200 करोड़ रुपए से बने लोकतंत्र के नए मंदिर संसद भवन में ऐसी घटना घटी है, जो पूरी भारतीय राजनीति को शर्मसार करती है। इस घटना को जब-जब याद किया जाएगा तब-तब भारत की संसद और लोकतंत्र शर्मसार होगा। शर्मसार करने वाले और कोई नहीं बल्कि देश भक्ति का दामन पहनने वाले भाजपा सांसद हैं और पीड़ित पक्ष एक अल्पसंख्यक जनप्रतिनिधि। दरअसल भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने गुरूवार को अपने साथी बसपा सांसद दानिश अली के लिए ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जो पूरी तरह से शर्मनाक घटना है। लेकिन इससे बड़ी शर्मनाक घटना यह है कि भाजपा सांसद ने जिस तरह के सड़क छाप शब्दों का लोकसभा में इस्तेमाल किया और उसे सुनकर मोदी सरकार के दो पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रविशंकर और हर्षवर्धन ने मुस्कान बिखेरी।

घटना भाजपा का मुसलमानों के प्रति सोच दर्शाता है।

भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ लोकसभा में कहा कि ओए …, ओए उग्रवादी, ऐ उग्रवादी बीच में मत।बोलना, ये आतंकवादी-उग्रवादी है, ये मुल्ला आतंकवादी है… इसकी बात नोट करते रहना अभी बाहर देखूंगा इस मुल्ले को।’ सांसद रमेश बिधूड़ी के इस बयान के बाद भाजपा समर्थकों ने तो चुप्पी साध रखी है। लेकिन यह घटना साफ दर्शाता है कि भाजपा का मुसलमानों के प्रति सोच क्या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के ज्यादातर नेता हमेशा लोकतंत्र के मंदिर की बात करते हैं, वहीं, पार्टी सांसद एक अल्पसंख्यक नेता के प्रति क्या सोच रखते है कि यह साबित करता है।

मुस्लिम हितों की बात करने वाले झारखंड भाजपा नेता बाबूलाल चुप क्यों है।

भाजपा से नाराजगी के बाद जब बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी जेवीएम बनायी थी, तब उनका पूरा फोकस अल्पसंख्यक (विशेषकर मुस्लिम) वोटर ही होते थे। 2006 से 2019 तक बाबूलाल ने अपनी राजनीति मुस्लिम के इर्द-गिर्द ही सीमित रखी। उनके आसपास कई मुस्लिम युवक रहते दिखे। ऐसा लगता था कि बाबूलाल मरांडी मुस्लिमों के हितों की बात करते हैं। मुस्लिमों को लेकर भाजपा की नीतियों पर कई बार उन्होंने सवाल उठाया। उनका कहना था कि सत्ता में आने से पहले भाजपा और उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “सबका साथ सबका विकास” की बात करते हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद वह सभी धर्म के प्रति अलग-अलग धरना बनाकर काम करती है। भाजपा नेता हिंदू मुस्लिम सबसे ज्यादा करते हैं। लेकिन आज वहीं बाबूलाल आज भाजपा में शामिल होकर मुस्लिम जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दिए बयान पर चुप हैं।

भाजपा नेताओं का मुस्लिमों के प्रति विवादित बयान देना कोई नयी बात नहीं।

ऐसा पहली बार नहीं है कि जब भाजपा सदस्यों ने मुसलमानों के खिलाफ टिप्पणियां की हैं। ऐसे कई उदाहरण बिखरे पड़े हैं।

  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम विरोधी नफरत और विभाजन को बढ़ावा दिया। मुसलमानों को “तालिबान” के रूप में संदर्भित करते हुए उन्होंने कहा, “जो भी तालिबान का समर्थन करेगा, सरकार उसे ताकत से रोक देगी)।
  • मध्यप्रदेश में भाजपा कार्यकर्ता दिनेश कुशवाह ने एक व्यक्ति पर हमला किया जिसे वह मुस्लिम समझ रहा था। व्यक्ति विकलांग था और नाम भवरलाल जैन था। भाजपा कार्यकर्ता दिनेश कुशवाह द्वारा उस व्यक्ति से मारपीट करने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में भाजपा नेता कहते दिख रहे थे कि ” तेरा नाम क्या है? ‘मोहम्मद’ नाम है तेरा?… आधार कार्ड दिखा… (तुम्हारा नाम क्या है? मोहम्मद? मुझे अपना आधार कार्ड दिखाओ)।”
  • बिहार भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा था कि जिस तरह दशहरा के त्योहार के दौरान हिंदू रावण के पुतले जलाते हैं, उसी तरह मुसलमानों को भी आग लगा देनी चाहिए।
  • उत्तर प्रदेश के संभल में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी ने मुस्लिमों को लेकर कहा था कि इन्हें भारत में रहने का कोई हक नहीं है। उनके मतदान के अधिकार को छीन लेना चाहिए और देश में उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बना देना चाहिए। उन्होंने कहा अगर मुस्लिमों को भारत में रहना ही है तो शरणार्थी के रूप में रहें।
  • भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली के जंतर मंतर पर समान नागरिक संहिता के पक्ष में एक रैली में हुई मुस्लिम विरोधी नारेबाजी में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। रैली से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कई लोग ‘जब मु&*#…काटे जाएंगे, राम-राम चिल्लाएंगे’ नारा लगाते हुए दिख रहे थे। यह रैली अश्विनी उपाध्याय ने ही बुलायी थी।
  • दिल्ली भाजपा नेता जय भगवान गोयल ने मुस्लिमों को लेकर एक विवादित बयान दिया था कि त्रिशूल लेकर सड़क पर नहीं उतरे तो 5-7 साल में भारत मुस्लिम राष्ट्र बन जाएगा।