सस्ता डेटा और किफायती दरों पर स्मार्टफोन कि शुरूआत के साथ भारत ने डेटा खपत सख्या में बहुत बड़ा उछाल आया है. यदि हम अपने आप को देखे कि हम इस मामले में कहां खडे है तो हमारे पास एक रिपोर्ट है. हर साल नोकिया भारत के डेटा खपत पैटर्न का सर्वेक्षण करता है और उन्हें मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडिया टैफिक इंडेक्स रिपोर्ट में प्रकाशित करता है.
Also Read: दो दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश जा सकते है मोदी, शेख हसीना से करेंगे मुलाकात
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत में प्रत्येक उपयोगकर्ता प्रत्येक महिने 11.2GB डेटा का कन्जूयम करता है जिसमें उपयोगकर्ता 80 % डेटा वीडियो देखने में कन्जूयम करता है.साल दर साल, भारत में कुल डेटा खपत 47% बढ़ी जिसमें 4G ने 96% का योगदान दिया. वहीं 3G डेटा की खपत 30 % तक गिर गई और 2G डेटा अब बिलकुल शून्य है. डाटा खपत में इतनी उछाल के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि 4G डेटा का सरलता से मिलना जो कि पूरे विश्व में सबसे सस्ता है.
Also Read: अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 4.7% रही
भारत में 4G हैडसेट की सख्या डेढ़ गुना बढ़ने से सख्या 501 मिलियन हो गई, जिसमे 430 मिलियन LTE ही सक्षम थे. साल 2015 से 2019 की बीच भारत के डेटा ट्रेफिक में 44 गुना की बृद्धि हुई है जो दुनिया में सबसे अधिक है..इस डेटा बृद्धि में Youtube ने वीडियो खपत का नेतृत्व किया उसके बाद Hotstar और JioTV. वहीं इसके बाद 30 से अधिक OTT प्लेटफार्म को मान्यता दी गई, जो प्रत्येक दिन वीडियो सामग्री की खपत पर खर्च किए गए 70 मिनट के औसत के लिए अनुवादित थे. इसके बाद इंटरनेट ब्राउजिंग और सोशल मीडिया का सहारा लिया गया