Skip to content

प्रवासी मजदूरों के लिए मस्जिद और मदरसा क्वारंटाइन में तब्दील, लोगो ने कहा “धर्म भाईचारा सिखाता है”

News Desk

कोरोना संकट के समय सभी मिलाकर एक दूसरे की मदद करने में जुटे हुए है. सरकार के साथ-साथ कई ऐसे सामाजिक संगठन है जो लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासीयो की मदद कर रहे है.

पश्चिम बंगाल के नादिया गाँव में एक अनोखी पहल देखने को मिली है. नादिया गाँव के लोगो ने अपने मदरसा और आस-पास की मस्जिद को अपने सभी प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटाइन केंद्र के रूप में खोल दिया है, धर्म की परवाह किए बिना उन्होंने ये कार्य किया है. नदिया गाँव के लोगो ने कहा “धर्म भाईचारा सिखाता है”।

Also Read: पीएमओ ने PM Cares फंड के विवरण का खुलासा करने से किया इनकार

कालीगंज ब्लॉक में मुस्लिम बहुल गांव और उसके दारुल उलूम मदरसा द्वारा ये कार्य ऐसे संकट के समय में किया गया है जब निहित स्वार्थों द्वारा कोरोनोवायरस के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय को कलंकित करने का प्रयास किया गया है। इसका निर्णय लेने वाली ग्राम समिति के सचिव ने कहा कि यह पहल वायरस के प्रसार के खिलाफ एक लड़ाई में हमारा सहयोग है.

Also Read: जारी हुई अनलॉक-1 की गाइडलाइंस, जानें किसमें रहेगी छूट और किसमें पाबंदी

अब्दुल हन्नान मंडल ने कहा हमने अभी तक 21 युवाओं को क्वारंटाइन किया है, जो महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और राजस्थान जैसे हॉटस्पॉट राज्यों से लौटे हैं। हमने उनका धर्म नहीं पूछा है. क्वारंटाइन केंद्र, जो 50 लोगों को रख सकता है, 21 मई को खोला गया था जब गांव को प्रवासियों के लौटने का पहला जथा आया था.

सूत्रों ने कहा कि ग्राम समिति, जिसमें मुस्लिम और हिंदू दोनों सदस्य हैं. उन्होंने अपने खर्च से क्वारंटाइन सेण्टर में भोजन की व्यवस्था कर रहे है. जिनमें अंडा, मछली और चिकन शामिल हैं। सुरक्षा की दृष्टि से सैनिटाइजर सहित अन्य जरुरी चीज़े उपलब्ध कराई जा रही है. क्वारंटाइन किये गए लोगो के परिवार वाले उन्हें गद्दा और चादर उपलब्ध करवा रहे है, यदि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनके बिस्तरों को जला दिया जायेगा। समिति के अध्यक्ष महिद्दीन ने कहा कि गाँव के घरों से सुरक्षित दूरी पर क्वारंटाइन केंद्र है

Also Read: हेमंत सरकार का एक और कमाल लेह के बाद अंडमान में फंसे प्रवासी मजदूरों को कराया गया एयरलिफ्ट

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि रेलवे के प्रवासियों की वापसी से ग्रामीण इलाकों में दहशत फैल रही है, ग्रामीणों का कहना है: “देखिए, कोरोना एक्सप्रेस आ रही है! भागो भागो! बंगाल के कुछ हिस्सों, जैसे हावड़ा और हुगली में भी कुछ लोगों द्वारा लोगों को बांटने के लिए महामारी को धार्मिक रंग देकर बाटने का प्रयास किया गया था।