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किसी भी शख्स को अपनी जीवन साथी चुनने का संविधानिक अधिकार:- इलाहाबाद हाईकोर्ट

भारत में बीजेपी शासित राज्य लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की वकालत कर रहे हैं कई राज्य इसे लेकर प्रस्ताव भी तैयार कर चुके हैं और मान्यता देने की बात है कह रहे हैं उन राज्यों में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार भी शामिल है जो लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात कर रही है लेकिन इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट का एक अहम फैसला आया है जिसमें कहा गया है कि किसी भी शख्स को अपना जीवनसाथी चुनने का पूरा अधिकार है कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि दो बालिग लोग अपना जीवन साथी एक दूसरे को चुन सकते हैं साथ ही वे एक साथ रह सकते हैं चाहे वह किसी भी धर्म या जाति के

दरअसल, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के सलामत अंसारी और तीन अन्य की तरफ से अदालत में एक याचिका दाखिल की गई थी जिस पर इलाहाबाद कोर्ट में सुनवाई हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा जिस सलामत और प्रियंका ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की जून पर आरोप लगा है साथ ही दोनों ने मुस्लिम रीति-रिवाज के साथ शादी की है शादी के बाद प्रियंका खरवार अब आलिया बन गई है प्रियंका के पिता ने मामले में एफ आई आर दर्ज कराई है उन्होंने बेटी के अपहरण और पोस्को एक्ट के तहत एफ आई आर दर्ज करवाई है

सलामत अंसारी और तीन अन्य लोगों पर दर्ज हुई किस पर हाईकोर्ट ने कहा कि प्रियंका खरवार गोपालिया को अपने पति के साथ रहने का पूरा अधिकार है साथ ही इस मामले पर पोस्को एक्ट लागू नहीं होता है द का कोई विवाद नहीं है उसकी उम्र 21 साल है इसलिए उसे कानून अपना जीवनसाथी चुनने का पूरा अधिकार देता है अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कानून दो व्यक्तियों को एक साथ रहने की अनुमति देता है तो फिर किसी और को उनके संबंधों पर आपत्ति क्यों.