

Odisha News : ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के रहने वाले दुर्गा चरण आखिरकार 9 महीने बाद अपने परिवार से मिल गए। वे पिछले साल कुंभ मेले में अपने परिजनों से बिछड़ गए थे और भटकते हुए गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड के कपिलो गांव पहुंच गए थे। ओड़िया भाषा बोलने वाले दुर्गा चरण को न तो अपने घर का पता याद था और न ही किसी परिजन का मोबाइल नंबर। स्थानीय लोगों ने जब उनकी परेशानी देखी तो उनकी मदद करने का निर्णय लिया। फिर शुरू हुई एक भावनात्मक यात्रा — जो सोशल मीडिया के माध्यम से एक मिसाल बन गई।
इस दौरान बगोदर के घंघरी निवासी शिक्षक अजय कुमार महतो ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए दुर्गा चरण की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने तीन भाषाओं — हिंदी, अंग्रेजी और ओड़िया — में पोस्ट तैयार की ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जानकारी समझ सकें और मदद कर सकें। उनकी यह पहल रंग लाई जब ओड़िशा से दुर्गा चरण के परिजनों ने पोस्ट देखी और संपर्क किया। करीब 9 महीने बाद जब दुर्गा चरण की मुलाकात अपने परिवार से हुई, तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।
गांव के लोगों और शिक्षक अजय कुमार महतो की यह पहल बताती है कि सोशल मीडिया केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि इंसानियत का पुल भी बन सकता है। ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिले के तलंडीह गांव से आए दुर्गा चरण के परिजन — पत्नी, बेटा और भाई — जब उन्हें लेने पहुंचे, तो पूरा गांव उस पल का गवाह बना। शिक्षक, युवकों और ग्रामीणों की सामूहिक कोशिश से एक बिछड़ा इंसान अपने घर लौट सका। यह कहानी न केवल भावनात्मक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि तकनीक और मानवीयता जब साथ आती है, तो असंभव भी संभव हो जाता है।









