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पैगंबर के विवादित कार्टून पर फूटा लोगों का गुस्सा, फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों की तीखी प्रतिक्रियाएं

Arti Agarwal
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पैगंबर के विवादित कार्टून पर फूटा लोगों का गुस्सा, फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों की तीखी प्रतिक्रियाएं 1

फ्रांस के एक विद्यालय में “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” विषय पर चर्चा हो रही थी इस दौरान एक शिक्षक ने चर्चित पत्रिका शार्ली हेब्दो में छापे मोहम्मद पैगंबर के एक विवादित कार्टून को दिखाया जिसके बाद एक विद्यार्थी ने उनकी निर्मम हत्या कर दी थी. जिसके बाद इस हत्या के खिलाफ में भारी प्रदर्शन हुए थे राष्ट्रपति मैक्रो ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि कुछ चरमपंथी फ्रांस का भविष्य जालाना चाहते हैं राष्ट्रपति ने मुसलमानों पर अलगाववाद का आरोप लगाते हुए कहा था कि पूरे दुनिया में इस्लाम धर्म संकट के दौर से गुजर रहा है राष्ट्रपति मैक्रो ने देश के 60 मुसलमानों को फ्रांस के मूल्यों के हिसाब से ढ़ालने के लिए एक योजना लाने का ऐलान भी किया है.

फ्रांस के द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद से ही कई मुस्लिम देशों में फ्रांस के राजदूत को निकालने और उसके सामानों के बहिष्कार की अपील तेज हुई है. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने भी फ्रांस के खिलाफ सबसे ज्यादा आक्रमक रुख अपनाए हुए हैं. ईरान में भी इस मामले पर फ्रांस के राजदूत को बुलाकर कार्टून को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है. इसके साथ ही सऊदी अरब की तरफ से भी जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि फ्रांस में इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश किया जा रहा है इसका हम विरोध करते हैं आगे सऊदी अरब ने कहा कि आपत्तिजनक कार्टून छापने की निंदा हम करते है. इसके बाद पाकिस्तान की संसद में भी कार्टून के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया गया है कतर ने भी मैक्रो के भड़काऊ भाषण की निंदा की है

जिस प्रकार से इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब के विवादित कार्टून को छापने के विवादित कदम का बचाव फ्रांस के राष्ट्रपति कर रहे हैं उसे देख कर इस्लामिक देशों के द्वारा उन पर तीखी प्रतिक्रियाएं की जा रही है एशिया के कई देशों में भी फ्रांस के राष्ट्रपति का विरोध किया जा रहा है बात अगर बांग्लादेश की करें तो यह भारत का पड़ोसी देश है बांग्लादेश में मंगलवार को देश की राजधानी ढाका में फ्रांस के खिलाफ भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और फ्रांस के सामानों की बहिष्कार की अपील करते दिखाई दिए ढाका पुलिस की अगर माने तो इस प्रदर्शन में तकरीबन 40000 से भी अधिक लोग मौजूद थे प्रदर्शन का आयोजन इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के द्वारा किया गया था प्रदर्शन के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो का पुतला भी जलाया गया वहीं इस्लामोफोबिया के लिए सजा देने की भी मांग की गई है प्रदर्शन में शामिल कई लोग मैक्रो का पुतला बनाकर उसे जूता पहनाते हुए भी दिखाई दिए हैं.