अगर आप के घर पर कोई हमला कर दे , घर की बहू बेटी को कोई छेड़ दे तो आप उस बदमाश का साइज़ और ताक़त नही देखेंगे उसको जवाब देंगे , उस वक्त हार और जीत माने नही रखती आपकी इज़्ज़त , आपका वकार और ख़ुद्दारी काम करती है.
क्या हमारा रवैया पाकिस्तान के खिलाफ भी ऐसा ही होता , जी नही , भले ना लाएँ हों मगर वहाँ तो एक के बदले दस सर लाने की बात कर रहे थे तो फिर यहाँ सर से mobile application क्यूँ ? अभी भी राजनाथ बात करना चाहते हैं , जय शिवशंकर बात करना चाहते हैं यहाँ तक PM भी अपने मन की हो या फिर बे मन की किसी भी बात में चीन का नाम लेकर कोई बात नही , क्यूँ ?