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पेट्रोल-डीजल के दाम देश में लगातार बढ़ रहे हैं। ये बढ़ोतरी लगातार 21वीं दिन हुई है

News Desk

दिल्ली में पेट्रोल और डीजल दोनो लगभग 80 के पार पहुंच गया है। शनिवार को 21वे दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।

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दिन प्रतिदिन डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को फिर से दिल्ली में डीजल और पेट्रोल की कीमत में इजाफा हुआ हैं जिसमे कि दिल्ली में आज पेट्रोल 25 पैसे और डीजल 21 पैसे महंगा हुआ। पिछले 21 दिनों में राजधानी में डीजल की कीमत 11 रुपये बढ़कर 80.40 रुपये प्रति लीटर पहुंची वहीं पेट्रोल की कीमत 9.12 रुपये बढ़कर 80.38 रुपये प्रति लीटर पहुँची तथा यह भी देखा जा रहा है कि पिछले 3 दिनों में डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा बढ़ी हैं।

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देश के सारे हिस्सो में से केवल दिल्ली में पेट्रोल से ज्यादा महँगी डीजल हो चुकी हैं।

आपकी जानकारी के लिए ये बता दे कि सम्पूर्ण विश्व मे पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से अधिक हैं। देखा गया है कि ऐसा केवल दिल्ली में ही हैं। पूरे देश मे अभी डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा नही हैं। दिल्ली में डीजल की बढ़ती हुई कीमत का मुख्य कारण वैट हैं क्योंकि लोकडौन के दौरान दिल्ली सरकार ने डीजल पर वैट की दर को बढ़ा दिया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने भी मई के पहले हफ्ते में पेट्रोल – डीजल पर एक्ससाइज ड्यूटी बढ़ाई थी पेट्रोल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 10 रुपये और डीजल पर उत्पाद शुल्क 13 रुपये बढ़ाया गया था। यही वजह है जिसके कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इतनी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है

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गौर करने की बात यह है कि देश में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पिछले ढाई महीनों से लोकडौन लागू रहा और इसकी वजह से सरकार के पास पैसे आने का कोई साधन नही बचा जिससे कि सरकारी खजाना पूरी तरह से खाली हो गया। इस दौरान सरकार के पास इनकम का कोई साधन नही बचा था केवल पेट्रोल और डीजल के अलावा।

इस दौरान जीएसटी तथा डायरेक्ट टैक्सो में भी काफी गिरावट आई। अप्रैल में सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन केवल 6000 हज़ार करोड़ रुपये का हुआ जबकि 1 साल पहले जीएसटी का कलेक्शन 47000 करोड़ हुआ था। इसी कारण से सरकार को पेट्रोल और डीजल के दामो को बढ़ाने के अलावा और कुछ भी नही सुझा।

देखा जाए तो कोरोना के इस काल मे कच्चे तेलो की दामो में काफी गिरावट आई थी। इसलिए सरकार ने ये मौका तलाशा और फिर सरकार ने इन पर टैक्स बढा कर इनके दाम बढा दिए। इससे कंपनियों का तो कोई मुनाफा न हुआ लेकिन इससे सरकार का राजश्व बढ़ता गया। कुछ वक्त पहले पेट्रोलियम पदार्थों से सरकार का राजस्व काफी कम था परंतु पिछले 5 सालों में सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों के राजस्व से लगभग 2.23लाख करोड़ का मुनाफा कमाया हैं।

Report: Tabbasum

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