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पुलिस ने कहा- कंबल वितरण और राम मंदिर में सहयोग करने की बात कहकर भैरों सिंह ने लोगो को बुलाया था

झारखंड की सियासत इस वक्त काफी गर्व है सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे के आमने-सामने हैं दोनों ही तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले में चलने वाली पेट्रोलिंग गाड़ी पर रांची के किशोरगंज चौक पर हमला किया गया था.

सोमवार को रांची के किशोरगंज चौक पर मुख्यमंत्री के कारकेट को रोकने का प्रयास कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा किया गया जिसके बाद मंगलवार को राजधानी की सुरक्षा बढ़ा दी गई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर यह हमला तब हुआ जब वह प्रोजेक्ट भवन से निकल कर अपने आवास जा रहे थे इसी दौरान कारकेटी रूट लाइनिंग में सुरक्षा में अतिरिक्त जवान तैनात थे कारकेट के गुजरने से पहले जवान और पुलिस पदाधिकारी सड़क के दोनों तरफ चेकिंग और गस्ती पर थे.

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मुख्यमंत्री के स्कॉर्ट में रांची पुलिस की तरफ से अतिरिक्त गाड़ियां भी लगाई गई थी ताकि कोई भी बाधा उत्पन्न ना हो इसके साथ ही ओरमांझी में युवती की हत्या के बाद हो रहे प्रदर्शन के को देखते हुए विधि व्यवस्था की दूसरी समस्या किसी दूसरे इलाके में ना हो इसके लिए भी सभी थाना क्षेत्रों में 250 से अधिक जवान तैनात किए गए थे दूसरे थाना क्षेत्रों में भी वाहनों की जांच की गई है.

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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सुखदेव नगर थाना प्रभारी का कहना है कि सीएम के काफिले पर हमला करने की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी भैरो सिंह ने लोगों को कंबल वितरण और राम मंदिर निर्माण में सहयोग की बात कहकर किशोरगंज बुलाया था विभिन्न स्थानों पर कंबल लेने के लिए लोग जमा हुए थे उसी दौरान सीएम के कारकेट को रोकने की कोशिश की योजना बनी और सभी लोग किशोरगंज चौक पर आ गए और घटना को अंजाम दिया.