Jharkhand Old Pension Scheme: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 2019 के विधानसभा चुनाव में जनता के बीच कई वादे किए थे उनमें से एक राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का वादा भी शामिल था. झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं जिनमें पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला भी शामिल है. कोरोना वायरस से प्रभावित होने के बाद अपने ढाई वर्षो के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना को लागू कर सरकारी कर्मचारियों के एक बड़ा तोहफा दिया है.
सरकार के द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा के बाद सरकारी कर्मचारियों के खुशी को साफ देखा जा सकता है. घोषणा होने के बाद राज्य के सभी जिलों में पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार जताते हुए उनके निर्णय का स्वागत किया है. इस निर्णय पर सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह फैसला लेकर हमें बुढ़ापे का सहारा दिया है इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं.
हेमंत सोरेन पर टिप्पणी के चक्कर में खुद फंसे बाबूलाल, जनता ने याद दिलाया चुनावी वादा:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को घेरने के चक्कर में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी खुद बुरी तरह से फंस गए हैं. राज्य सरकार के द्वारा लागू की गई पुरानी पेंशन योजना पर बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए सवाल खड़े किए थे जिसके बाद सरकारी कर्मचारियों ने उन्हें उनका वादा याद दिलाया है. दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में जब बाबूलाल मरांडी झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के सुप्रीमो हुआ करते थे तो उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की बात अपने मेनिफेस्टो में किया था. हालांकि, यह बात अब उनके लिए झूठी और सिर्फ एक वादा बनकर रह गया है क्योंकि वह अब झारखंड विकास मोर्चा के नहीं बल्कि भाजपा के नेता बन गए हैं. दल-बदल के साथ ही बाबूलाल के विचार और वादे भी अब बदल गए हैं. पहले जिन वादों को लेकर वह जनता के बीच जाते थे अब उसी वादे को लेकर दूसरों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. यदि बाबूलाल मरांडी आज राज्य के मुख्यमंत्री होते और उन्हें पुरानी पेंशन योजना लागू करनी होती तब वह किस पर सवाल खड़ा कर रहे होते और पैसे कहां से जुटाते यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा होता है.
पेंशन आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष ने बाबूलाल से कहा, जो दिक्कते बता रहे हैं उसका रास्ता दिखाएं:
पुरानी पेंशन आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने बाबूलाल मरांडी के द्वारा किए गए पोस्ट पर कमेंट करते हुए यह सवाल किया है कि “आप जिन दिक्कतों को सामना करने की बात कर रहे हैं उन दिक्कतों का समाधान बताएं. आखिर आपने भी चुनाव के समय यह वादा किया था तो आपको भी इसकी समस्या का समाधान पता होगा. महाधिवक्ता का सुझाव शायद सतही हो परंतु आपका घोषणा पत्र तो सतही नहीं था न।” वही, बिस्वजीत मंडल लिखते हैं कि “महोदय, आपने भी “पुरानी पेंशन” लागू करने संबन्धी वादा किया था। आज की वर्तमान सरकार यदि इसपर प्रतिबद्धता दिखाते हुए पुरानी पेंशन लागू करने जा रही है तो आपको क्या तकलीफ हो रही है? बल्कि आपको तो वादे के मुताबिक इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन करना चाहिए।”