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निशिकांत दुबे ने झारखंड BJP की करा दी फ़जीहत, झारखंडियो को ठगा प्रदेश की जनता कहना पड़ गया भारी Nishikant Dubey

Nishikant Dubey: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा से 1932 का खतियान आधारित  स्थानीय नीति और ओबीसी वर्ग को 14% से बढ़ाकर 27% आरक्षण के दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराया हैं जिसके बाद विपक्षी दल भाजपा की तरफ से जुबानी हमला तेज हो गया है.

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हेमंत सरकार द्वारा विधेयक पारित करवाने के बाद भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे  की प्रतिक्रिया 1932  की स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण पर आया है. निशिकांत दुबे ने झारखंड की जनता को ठगा प्रदेश की जनता कह कर पुकारा है. उन्होंने कहा कि खतियान आधारित इस स्थानीयता नीति की परिभाषा को उच्च न्यायालय पूर्व में ही गैर संवैधानिक करार दे चुका है। भ्रष्टाचार के संकट में घिरी हेमंत सरकार वोट की राजनीति के लिए झारखंड की जनता को आदिवासी-मूलवासी और पिछड़ा के नाम पर भ्रम में डाल रही है।

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निशिकांत दुबे के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज़ हो गई है की निशिकांत दुबे मूल रूप से बिहार के भागलपुर के रहने वाले है और वही के वोटर भी है इसलिए हेमंत सरकार द्वारा पारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण का विरोध कर रहे है. चर्चा यह भी है की बाबूलाल मरांडी और निशिकांत दुबे झारखंड भाजपा की कमान अपने हाथों में लेना चाहते है इसलिए भी वह हेमंत सोरेन परिवार और महागठबंध सरकार पर सिर्फ आरोप लगाते रहते है. राज्य के सियासी गलियारे में चर्चा तेज है की रघुवर दास, अर्जुन मुंडा जैसे बड़े भाजपा नेताओं को केंद्र में शीर्ष नेतृत्व ने सम्मान के साथ बड़े पद दिये है यह देख निशिकांत दुबे परेशान है क्योंकि उन्हें केंद्र में मंत्री बनना था लेकिन यह ना हो सका ऐसे में अब निशिकांत दुबे झारखंड के प्रदेश का कमान सँभालने की जुगत में लग गए है और बाबूलाल मरांडी के साथ मिलकर खूब जुगलबंदी कर रहे है.

Nishikant Dubey के बयान पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दी है प्रतिक्रिया:

निशिकांत दुबे के मुद्दे पर कहा कि वे बहुत जानकार आदमी हैं. झारखंड की राजनीति करते हैं. इसलिए झारखंडियों के हित में देखना चाहिए. विरोध करेंगे तो जनता सबक सिखायेगी. एक सवाल के जवाब में कहा कि वे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह करेंगे कि जिस तरह का प्रस्ताव 1932 की स्थानीय नीति को लेकर केंद्र सरकार के पास भेजा गया है, उसी तरह वे झारखंडहित में उसे राज्य को वापस कर दें, ताकि 1932 पर केंद्र की भी मुहर लग सके. हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ भाजपा की बड़ी साजिश है. भारतीय जनता पार्टी चुनाव के बाद से ही लगातार सरकार के खिलाफ साजिश कर रही है. कभी खरीद-फरोख्त, तो कभी सरकारी तंत्र को लगाकर परेशान किया जा रहा है. भाजपा चाहती है कि पूरे देश में किसी का राज नहीं हो. जहां-जहां भाजपा सरकार है, वहां कोई जांच नहीं चल रही है. जहां गैर भाजपा सरकार है वहां जांच में ईडी, आईटी, सीबीआई लगी हुई है.