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Jharkhand Niyojan Niti: 2016 से पहले वाली नियोजन नीति के आधार पर होगीं नियुक्ति, 73 प्रतिशत युवाओं ने दी सहमति


Jharkhand Niyojan Niti: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में खतियान आधारित नियोजन नीति पर अंतिम निर्णय लेते हुए विधानसभा से इस सम्बन्ध में विधेयक पारित करते हुए आगे के निर्णय के लिए राज्यपाल के पास भेजा था। राज्य सरकार का इस संदर्भ में स्पष्ट मानना था कि 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति एवं पिछड़े वर्ग को 27 % आरक्षण देने के विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची का संरक्षण मिल जाने के बाद ही बहाल किया जाए। इन परिस्थितियों में जब राज्यपाल द्वारा राज्य सरकार का प्रस्ताव वापस कर दिया गया। ऐसे में एक तात्कालिक कदम की जरुरत को महसूस करते हुए राज्य के युवाओं से इस सम्बन्ध में राय जानने का प्रयास किया गया। क्योंकि पूर्व की सरकार के समय लाई गयी 13/11 वाली नियोजन नीति को भी न्यायालय द्वारा रद्द करने का आदेश पारित किया जा चुका था। ऐसे युवाओं का राय जानना था कि क्या तत्कालिक तौर पर पूर्व की नियोजन नीति 2016 के पहले वाली के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ करनी चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार की ‘ मिनी रत्न ‘ कंपनी को राय लेने का जिम्मा सौंपा। राय हेतु कुल 7,33,921 लोगों तक पहुंच बनाई गई । 73 प्रतिशत झारखण्ड के युवाओं ने 2016 से पहले वाली नियोजन नीति के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति जताई।

Jharkhand Niyojan Niti: राय की जानकारी

Yes – 73%
No – 16%
Can’t Say/Don’t Know – 11%

Jharkhand Niyojan Niti: स्थानीय भाषाओं एवं लोक-संस्कृति की जानकारी को नियोजन नीति से जोड़ने का हुआ था प्रयास

मालूम हो कि विधानसभा के शीत कालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा था कि सरकार की मंशा थी कि राज्य के थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नियुक्ति में राज्य के आदिवासी और मूलवासियों की शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित हो। लेकिन नौजवान जो चाहेंगे, उसी मंशा के साथ सरकार जायेगी और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान किया जाएगा। ज्ञात हो कि वर्तमान सरकार ने स्थानीय भाषाओं एवं लोक-संस्कृति की जानकारी को नियोजन नीति से जोड़ने का प्रयास किया था। साथ ही, राज्य में स्थित संस्थान से 10वीं /12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त भी जोड़ी थी, जिसे कुछ लोगों एवं दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों के द्वारा न्यायालय में चुनौती दी गयी थी।

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Jharkhand Niyojan Niti: इसलिए राज्य के युवाओं के मत को जानने की हुई आवश्यकता

विभिन्न मंचों से मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य अलग होने में लंबा समय लगा। राज्य के लोगों के लिए हितकारी नियोजन नीति लाने के उद्देश्य ने सरकार ने कदम बढ़ाया था, जिसे वापस कर दिया गया। स्थानीय युवाओं, भाषाओं एवं लोक-संस्कृति की शर्त देश के विभिन्न राज्यों में लागू हैं। भाषा के सम्बन्ध में कई राज्यों में स्पष्ट नीति है जो नियुक्ति प्रक्रिया का मुख्य आधार भी है। देश के लगभग सभी राज्यों ने अपने युवाओं को अपने यहां नौकरी में अवसर देने के लिए उपयुक्त नियोजन नीति बनाई है। परन्तु, यह भी सच था कि नयी नीति लाकर नियोजन प्रक्रिया पूरा करने के क्रम में बहुत सारे अभ्यर्थियों की उम्र चली जाती। शिक्षक/पुलिस/कर्मचारी के बहुत सारे पद खाली हैं, ऐसे में राज्य में राज्य के युवाओं के मत को जानने की आवश्यकता महसूस की गयी जिससे ससमय नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सके।