Skip to content
[adsforwp id="24637"]

उत्कृष्ट विद्यालय बनाम स्कूल बंद मुहिम: हेमंत और रघुवर सरकार की क्या थी प्राथमिकता- Hemant Government

News Desk

Hemant Government: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरगामी सोच का ही नतीज़ा है कि आज झारखंड के सरकारी विद्यालयों को भी निजी विद्यालय के समक्ष बराबरी पर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही पढ़ाई नहीं होने और सिर्फ खाने के लिए स्कूल जानने की बात लगभग हम सभी के जहन में आती ही होगी. आप सब में से कई ऐसे होंगे जो अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय में नहीं भेज कर किसी प्राइवेट स्कूल में भेजते होंगे.

लेकिन अब ऐसा नहीं है जिन सुविधा वाले विद्यालयों में आप अपने बच्चों को पढ़ाने का सपना देखते है और आर्थिक रूप से सक्षम में वैसे और सभी राज्यवासियों को हेमंत सोरेन की सरकार ने उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में एक बेहतरीन तोहफ़ा दिया है. करोड़ो रुपए खर्च कर बनाए गए इन विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई तो होगी ही इसके साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिलेगी. पूर्व की रघुवर सरकार में जब स्कूलों को बंद कर उनकी संख्या कम की जा रही थी तब किसने सोचा होगा की सरकारी स्कूल भी अंग्रेजी माध्यम की बन सकती है.

CM Hemant Soren शिक्षा के माध्यम से हर चीज हासिल की जा सकती है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विशेष रूप से शिक्षा की दिशा में सरकार ने महत्त्वाकांक्षी कदम उठाया है और यह कदम सरकार की पंचायत तक जाएगी। इसमें सबसे अहम भूमिका शिक्षा विभाग और शिक्षकों का होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य के गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़े और मजदूर के बच्चों को कैसे बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा सकें। राज्य में वर्षों से चली आ रही पिछड़ेपन की समस्या को कैसे खत्म करें, इस निमित्त लगातार मंथन करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा शस्त्र है, जिसके माध्यम से हर चीज हासिल की जा सकती है।

Also Read: ईडी की हर कार्रवाई पहुँचती है भाजपा के दरवाजे, मगर ईडी भी चुप और भाजपा भी खामोश

झारखण्ड में शिक्षा की बेहतरी के लिए ऐसे कार्य सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए था, जो बहुत विलंब से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम मात्र 4 से 5 हजार स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय में तब्दील करने की बात करते हैं, जबकि झारखंड में 35 हजार से अधिक स्कूल हैं। इन स्कूलों में जिस तरह से वर्षों से पढ़ाई की स्थिति बनी रही, अब उसे बदलने का कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ने की कोशिश की है। हमारी सरकार ने वर्षों से लंबित पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया है। शिक्षा व्यवस्थाओं में सुधार समय की मांग है। आज प्रतियोगिता का दौर है। प्रतियोगिता के इस दौर में राज्य के स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को बेहतर शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है।

पूर्व की भाजपा शासित रघुवर सरकार में 6500 स्कूलों का हुआ था विलय, शिक्षा से हज़ारो बच्चे हो गए थे वंचित

पूर्व की भाजपा शासित रघुवर दास की सरकार में तक़रीबन 6500 स्कूलों का विलय कर दिया गया था इससे ना केवल सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विद्यालय बंद हो गए थे बल्कि दूसरा विद्यालय दूर होने के कारण हज़ारो की संख्या में छात्र पढ़ाई से वंचित भी हो गए थे. रघुवर दास की सरकार ने साल 2016-17 के दौरान उन विद्यालयों को बंद कर दिया था जिनके बीच की दुरी 1 किलोमीटर या उससे थोड़ी ज्यादा थी, इन बंद पड़े स्कूलों को खोलने की कवायद हेमंत सोरेन की सरकार ने शुरू कर दी है. 2023 के फ़रवरी महीने में शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को बंद स्कूलों की रिपोर्ट भेजने को कहा है ताकि समीक्षा कर उन्हें फिर से शुरू किया जा सके. हेमंत सोरेन ने उत्कृष्ट विद्यालयों के उद्घाटन में कहा है की सरकार इन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों को पंचायत स्तर तक लेकर जाने की सोच रही है ताकि गरीब के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. पूर्व की रघुवर दास की सरकार ने सरकारी स्कूलों को बंद करने की वजह फिजूल खर्च को बताया था. हेमंत सरकार में शिक्षा मंत्री रहे स्व० जगरनाथ महतो ने कहा था कि, जिन विद्यालयों को बंद किया गया था उन्हें हम जल्द शुरू करेंगे क्यूँकि झारखंड की अधिकांश आबादी ग्रामीण इलाको में रहती है और छोटे बच्चों को बेहतर शिक्षा स्कूलों के बंद होने से नहीं मिल रही है उन्हें शिक्षा मिले इसलिए हम इन्हें जल्द शुरू करेंगे.