झारखंड पॉलिटिक्स: राजनीतिक विश्लेषण:- झारखंड के राजनीतिक पर्यावरण में गर्म बयान बाजी की हवा चलने लगी है। डुमरी उपचुनाव ट्रेलर की तरह है और आगामी लोकसभा एवं विधानसभा संपूर्ण मूवी के सीक्वल एक और दो की तरह देखा जा सकता है। डुमरी उपचुनाव में आ रहे हैं बयान से, राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा है कि सभी राजनीतिक पार्टियां और कार्यकर्ताओं एक्टिव हो गया है। आरोप प्रत्यारोप का ब्यान-बाजी शुरू हो गया है। पार्टियां और उनके कार्यकर्ता अपने प्रचार-प्रसार को लेकर जनता के बीच अपने बात को मजबूती से रखने का प्रयास करने लगा है राजनीति के पगडंडियों में अजीब सा बोलबाला होता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जब बाबूलाल मरांडी 2019 के विधानसभा चुनाव में बिना किसी गंठबंधन के हजारीबाग से अपने झाविमो प्रत्याशी मुन्ना सिंह के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे थे तब बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि भाजपा ने झारखंड के जल, जंगल और जमीन को लूटा है। और अब बाबूलाल मरांडी ने सोरेन परिवार पर बातों से हमलावर है और बाबूलाल मरांडी ने 27 अगस्त 2023 को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है कि सोरेन परिवार अंग्रेजों, जमींदारों और राजाओं से ज्यादा जमीन गरीब आदिवासियों के लूटने का काम किया है और हाल ही में बाबूलाल मरांडी ने सोरेन परिवार को लूटेरा एवं पैदाइशी गड़बड़ भी बताया था। बात करें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तो, हेमंत सोरेन की लोकप्रियता में भारत के विभिन्न मुख्यमंत्री के श्रेणी में इजाफा हुआ है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि अगस्त 2023 को भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा वर्ष 2022-23 के उपलब्धियां पर जारी वार्षिक रिपोर्ट में 20 सूत्री के तहत संचालित होने वाले कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नंबर वन स्थान प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री की लोकप्रियता देखते हुए बाबूलाल मरांडी लगातार सोरेन परिवार पर बातों से हमलावर दिख रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप एवं उपलब्धियां के बीच देखना है कि डुमरी उपचुनाव में किसे कितना लाभ मिलता है और आने वाले लोकसभा और विधानसभा का माहौल कैसा रहेगा।
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