JHARKHAND NEWS : झारखंड सरकार प्रदेश के संताल परगना में एक नई तरह की शुरुआत करने जा रही है। प्रदेश के राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ ने बुधवार को सदन में जानकारी दी है कि कोल्हान की तरह जल्द ही संताल परगना में भी ग्राम प्रधान न्याय मंच की तरह भूमि विवाद का निपटारा कर सकेंगे।
इस प्रस्ताव को विभाग ने आगे बढ़ाया है। जल्द ही इस पर फैसला होगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद भी मानकी मुंडा और संताल के ग्राम प्रधान रसीद काटते रहेंगे। इस संबंध में 18 जून 2019 को आदेश जारी किया गया है। आइए जानते हैं इस मामले पर बुधवार को सदन में क्या चर्चाएं हुई हैं।
इस मामले पर ध्यानाकर्षण में विधायक हेमलाल मुर्मू ने पूछा था कि क्या संताल और बाकी जगह के प्रधान जो रसीद काटते थे, वे मालगुजारी रसीद उपलब्ध कराएंगे। जवाब में मंत्री ने कहा, मामला गंभीर है। रसीद नहीं देने कोई मामला उनके संज्ञान में है, तो वे जानकारी उपलब्ध कराएं। अविलंब आदेश जारी किया जाएगा।
इस मामले पर मुर्मू ने पूछा था कि विभागीय मंत्री क्या ग्राम प्रधानों को कानून के तहत ट्रिब्यूनल ट्राई करने का अधिकार देना चाहेंगे। जवाब में दीपक बिरुआ ने कहा कि विल्किंसन रुल्स की धारा 20 में न्याय पंच गठन का प्रावधान है।
भूमि विवाद के जो भी मामले हाईकोर्ट, डीसी या कमिशनर के स्तर पर आते हैं, उसे न्याय पंच को भेजा जाता है। आर्बिट्रेशन के तहत सुनवाई के बाद डिग्री जारी होता है। संताल सिविल रुल्स में आर्बिट्रेशन का प्रावधान है।
ऐसे में अब कोल्हान ग्राम प्रधानों की तरह ही संताल के ग्राम प्रधानों भी जमीनी विवाद का निपटारा कर सकेंगे। यह कितना कारगर साबित होगा, देखने वाली बात होगी। हालांकि, मंत्री बिरुआ ने इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया है। जल्द ही इसकी शुरुआत हो सकती है।