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मुख्यमंत्री बोले – आदिवासी कला -संस्कृति को संरक्षित और आगे बढ़ाने में झारखंड आदिवासी महोत्सव मील का पत्थर साबित होगा

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मुख्यमंत्री बोले - आदिवासी कला -संस्कृति को संरक्षित और आगे बढ़ाने में झारखंड आदिवासी महोत्सव मील का पत्थर साबित होगा 1

झारखंड आदिवासी महोत्सव का आयोजन 9 और 10 अगस्त को होना है। इससे पहले मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज केंद्रीय सरना समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया। प्रतिनिधि मंडल ने राज्य सरकार द्वारा वृहत पैमाने पर पूरी भव्यता के साथ झारखंड आदिवासी महोत्सव-2023 का आयोजन करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

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झारखंड आदिवासी महोत्सव के जरिए आदिवासी कला -संस्कृति को आगे ले जाने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड आदिवासी महोत्सव- 2023 को एक अलग पहचान मिलेगी। इस बार इस महोत्सव का देश भर में प्रचार- प्रसार किया जा रहा है और खुशी की बात है कि  देश- दुनिया से इस महोत्सव में शामिल होने के लिए लोग आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी परंपरा, कला- संस्कृति, रहन- सहन, आदिवासी उत्पाद और गीत-संगीत -नृत्य को संरक्षित और आगे बढ़ाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस कड़ी में झारखंड आदिवासी महोत्सव का आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।

इस अवसर पर  केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, प्रकाश हंस, मुन्ना उरांव, अजीत उरांव, निकोलस एक्का, साइमन कच्छप, सोनू एक्का, अनीश अहमद, विजय बड़ाईक, जरिया उरांव, बबलू उरांव, धंजू नायक, सचिन कच्छप, मन्नू तिग्गा, विजय कच्छप,  लाला कच्छप, सूरज मुंडा, मोनू राज, बिरलू तिर्की, करमा कमल लिंडा, शनि मिंज, पुरन टोप्पो, दिनेश कच्छप और संजू कच्छप शामिल थे।

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