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Odisha Train Hadsa: लाशों के बीच दबा रहा जिंदा शख्स, होश आने के बाद हाथ हिलाया तो लोगों ने बाहर निकाला, जाने क्या है पूरा मामला

News Desk

Odisa Train Hadsa: उड़ीसा,बालासोर : 2 जून को शाम 7 बजे उड़ीसा के बालासोर में तीन ट्रेनें एक-दूसरे से टकराई. जिसमें 288 लोगों की मौत हुई थी और 1000 से ज्यादा घायल हुए. बताते चलें कि अब दो-ढाई सौ के आसपास घायलों का इलाज चल रहा है, बाकी लोग अपने-अपने घर जा चुके हैं.


हादसा हुए ट्रेन में विश्वजीत नाम के युवक घायल हुआ था. लोग उसे मृत समझकर मुर्दाघर में रख दिया था. उनके पिता कहते हैं कि मेरा बेटा विश्वजीत 2 जून को सांतरागाछी से कोरोमंडल ट्रेन में बैठ कर चेन्नई जा रहा था. करीब शाम 7 बजे उसने मुझे फोन किया कि ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया है और वह बुरी तरह जख्मी हो गया है. मुझे फोन करने के बाद वह बेहोश हो गया. लोगों ने उसे मरा हुआ समझकर बालासोर स्कूल में बनाए मुर्दाघर में रख दिया था और उसके ऊपर कई लाशें रखने के बाद उसे होश आया, तो उसने अपना हाथ हिलाया तब लोगों ने देखा कि वह जिंदा है और उसे अस्पताल ले गए. बेटे के फोन के बाद हम उसे ढूंढने पहुंचे गए थे. आखिरकार वह हमें बालासोर अस्पताल में मिला. विश्वजीत के पिता ने बताया कि मेरे लिए यह बहुत दर्दनाक था क्योंकि मैं अपने बेटे को हमेशा के लिए खो सकता था. मेरा बेटा 2 साल बाद घर लौटा था और वह 15 दिन हमारे साथ रहा. फिर चला जा रहा था. वह दोबारा जाएगा या नहीं यह उसकी मर्जी होगी लेकिन पिता होने के नाते मैं उसे यही कहूंगा कि वह अब नौकरी करने बाहर ना जाए.

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