Lalu Yadav: पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती हुई नजर आ रही है। सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ चारा घोटले मामले में सजा बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अब इस याचिका पर आज रांची हाई कोर्ट में सुनवाई की गई है।
लालू यादव पर चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध निकासी (आरसी 64 ए/96) मामले में सजा की अवधि को कम बताते हुए यह याचिका दायर की गयी है। सीबीआई ने अपनी तरफ से दायर याचिका में कहा, निचली अदालत ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनायी है, दूसरे आरोपियों को इसी मामले में सात साल की सजा दी गयी है।
इसी आधार पर लालू की सजा बढ़ाई जाए। बताया जा रहा है कि, चारा घोटाले में सजा अवधि बढ़ाने को लेकर सीबीआई की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। इसमें सुनवाई के दौरान सीबीआई ने खुद को और अधिक समय देने की मांग की है। जिसके बाद अदालत ने सीबीआई को दिया 4 सप्ताह का समय दिया है।
चारा घोटाला मामला पशुओं के लिए दवा और अस्पताल के लिए उपकरण खरीदने के नाम पर 4.7 लाख रुपये देवघर जिला पशुपालन विभाग को आवंटित हुआ था। लेकिन घोटाला करने वाले लोगों ने जाली कागजातों के सहारे 89 लाख रुपये से अधिक की राशि की निकासी कर ली थी। लालू प्रसाद पर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की जांच के लिए आयी फाइल को 5 जुलाई, 1994 से 1 फरवरी, 1996 तक अपने पास रोके रखा। मामला बढ़ा तो 2 फरवरी, 1996 को जांच के आदेश दिए गए।
आपको बताते चलें कि, इस मामले में 4 सप्ताह के बाद हाईकोर्ट में सुनवाई होने के बाद लालू प्रसाद यादव की परेशानी और बढ़ सकती है। चारा घोटाला मामले में उन पर आआरोप है कि वह षड्यंत्रकारियों में में शामिल है।निचली अदालत की ओर से जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा दी गई। सीबीआई की मांग है कि लालू प्रसाद यादव को भी देवघर कोषागार धोखाधड़ी मामले में कम से कम इतनी ही सजा मिलनी चाहिए।