Jharkhand News: झारखंड सरकार राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया तेज करने में जुट गई है. शीर्ष स्तर पर बनी सहमति के अनुसार, सरकार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की रद्द हुई उन प्रतियोगी परीक्षाओं को जल्द से जल्द कराना चाहती है, जो झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से रद्द की गई थीं. सरकार की इस प्राथमिकता को अमली जामा पहनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई सचिवों की बैठक में दिए गए निर्देश के तहत कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने नियुक्ति नियमावली को संशोधित करने का प्रस्ताव बढ़ा दिया है. इसमें तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का झारखंड के शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास करने की अनिवार्य शर्त को हटाने प्रस्ताव दिया गया है. साथ ही स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होने को भी हटाने की बात कही गई है. प्रस्ताव पर स्वीकृति मिलते ही कार्मिक नियोजन नीति संबंधी अधिसूचना रद्द करते हुए पूर्व की तरह की नियोजन की प्रक्रिया शुरू करने का अंतिम निर्णय लेगा.
इधर आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी 26 जनवरी को दुमका में नियोजन और नियुक्ति संबंधी ज्वलंत मुद्दे पर नई घोषणा कर सकते हैं.
Jharkhand News: नियुक्ति जल्द करना चाहती है सरकार
झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 13,968 पदों पर नियुक्ति संबंधी प्रकाशित हो चुके विज्ञापन को रद्द कर दिया था. कुछ प्रतियोगी परीक्षाएं हो चुकी थीं, तो कुछ की तिथि भी घोषित कर दी गई थी. लगभग सात लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा था. सरकार की मंशा है कि इन नियुक्तियों को अगले छह महीने के भीतर अंजाम तक पहुंचा दिया जाए. इसके लिए संभव है कि 66 संशोधित नियुक्ति नियमावलियों को एक-एक कर फिर से हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप संशोधित करने के बदले एक ही निर्णय से सभी को संशोधित कर दिया जाए, ताकि JSSC जल्द से जल्द प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन कर सके. क्योंकि, पिछले तीन साल से नियुक्तियां बाधित रहने से युवा वर्ग में असंतोष है. सरकार उसको ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द नियुक्तियों का रास्ता खोलना चाहती है.