Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश नहीं मानने पर बुधवार को पाकुड़ एसपी, पाकुड़िया थाना प्रभारी और अनुसंधान पदाधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने तीनों से पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए।
अदालत ने तीनों को पांच जनवरी को कोर्ट में सशरीर पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने प्रार्थी की कुर्की जब्ती किए गए सभी सामान को यथावत रखने और घर खोलने का आदेश दिया है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अधिकारी कोर्ट का आदेश नहीं मान रहे हैं। आखिर जनता कहां जाए। पुलिस की ऐसी कार्रवाई आए दिन राज्य में दिख रही है। यह गंभीर मामला है।
इस संबंध में शिव शंकर भगत की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि घटना के छह साल बाद एक आदिवासी महिला ने प्रार्थी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। स्थानीय जेएमएम नेता के दबाव में पुलिस ने तीन माह में गैर जमानतीय वारंट, इश्तेहार और कुर्की जब्ती का आदेश प्राप्त कर लिया। निचली अदालत ने भी उक्त आदेश पारित करने में नियमों का पालन नहीं किया है।
Jharkhand News: हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है
पूर्व में अदालत ने इस मामले में कुर्की जब्ती के आदेश पर रोक लगाते हुए एपीपी को तत्काल जांच अधिकारी को आदेश के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया था। लेकिन इसी दिन पुलिस ने प्रार्थी के घर और दुकान को कुर्क करते हुए सील कर दिया। प्रार्थी का परिवार सड़क पर आ गया। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए पाकुड़ एसपी, पाकुड़िया थाना प्रभारी और जांच पदाधिकारी को अवमानना नोटिस जारी कर सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है।
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