झारखंड में अल्पसंख्यक प्रे मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में जांच की प्रक्रिया को तेज करने और सच को सामने लाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद होकर कार्य कर रही है घोटाले का उद्भेदन करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले की जांच एसीबी से कराने की आदेश दे दिए हैं ऐसे भी को निर्देश देते भैया कहा गया है कि पिछले 5 सालों में जितने भी जिओ के स्कूलों में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने की बात कही गई है उन सभी की जांच की जाए परंतु सबसे पहले उन जिलों के मामलों की जांच करें जहां से छात्रवृत्ति घोटाले की खबरें सामने आई है
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कैसे सामने आई घोटाले की बात:
कई मीडिया संस्थानों ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की खबरों को प्रकाशित किया है साथ ही जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने इस घोटाले को लेकर राज्य के मुख्य सचिव से शिकायत की थी. उन्होंने खूंटी और रांची जिले के अंतर्गत हुई छात्रवृत्ति घोटाले की बात सामने रखे थे उन्होंने अल्पसंख्यक विद्यार्थियों का हक मारने की बात कहते हुए इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने की मांग कर चुके हैं.
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दलालों के माध्यम से घोटाले को दिया जाता था अंजाम:
धनबाद जिले में घोटाले का मामला सामने आने के बाद अन्य जिलों में भी घोटाले के मामले सामने आने लगे हैं रामगढ़ और गढ़वा जिले से भी घोटाले का मामला सामने आया है घोटाले की खबरें सामने आने के बाद कल्याण विभाग की तरफ से राज्य सरकार को उच्च स्तरीय जांच के लिए अनुशंसा भेजी गई थी जिस पर सीएम हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है इस घोटाले के सरगना दलालों के माध्यम से छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम देते हैं साथ ही इसमें विभागों के भी कई लोग शामिल होते हैं शेर मामले की जांच होने के बाद ही सारी चीजें सामने आ सकती हैं