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मुख्यमंत्री सोरेन ने किया नवनिर्मित ग्रिड-सब स्टेशनो का उद्घाटन, कहा कोरोना से भी लड़ना है और व्यवस्था भी चलानी है

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनिर्मित छः ग्रिड-सब स्टेशनो का ऑनलाइन उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने राज्य को छह ग्रिड सब स्टेशन एवं संबंद्ध संचरण लाइन परियोजनाओं की सौगात दी. छः ग्रिड-सब स्टेशनो के निर्माण कार्य में 616 करोड़ रुपए की लागत लगी है. नवनिर्मित बिजली परियोजनाओं से गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पुख्ता करने कि कोशिश कि गई है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छह ग्रिड सब स्टेशन एवं संचरण लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में इन छह बिजली परियोजनाओं का कार्य पूरा कर उसे शुरू करना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन सरकार की संकल्पशीलता ने यह संभव कर दिखाया. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव होगा. दूसरों पर बिजली के लिए निर्भरता कम होगी और हम ग्रामीण इलाकों से लेकर उद्योग-धंधों को बिजली आपूर्ति करने में सक्षम होंगे. साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति की दिशा में झारखंड ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है.

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गढ़वा, गिरिडीह, देवघर और गोड्डा जैसे जिलों को लोड शेडिंग व लो वोल्टेज से मिलेगी निजात, होगी निर्बाध बिजली आपूर्ति:

सोरेन ने कहा कि इन छह बिजली परियोजनाओं के शुरू होने से निर्बाध बिजली आपूर्ति की दिशा में यह बड़ा कदम हैं. गढ़वा में जहां बिजली के लिए दूसरे राज्य से आपूर्ति पर निर्भरता थी, वहीं अब भागोडीह ग्रिड सब स्टेशन व संचरण लाइन शुरू होने से इससे निजात मिल गई है. वहीं जसीडीह ग्रिड सब स्टेशन के चालू होने से देवघर में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी इसके साथ यहां एम्स और एयरपोर्ट का निर्माण कार्य हो रहा है. इससे देवघर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

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डीवीसी से नहीं लेनी होगी महंगी बिजली:

गिरिडीह, जमुआ और सरिया में ग्रिड सब स्टेशन एवं संबंद्ध संचरण लाईन के चालू होने से गिरिडीह जिले में बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर निर्भरता नहीं रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी उद्योग धंधों को बिजली देने में आगे रहती है, लेकिन झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति को लेकर अलग रवैया अपनाती है. लेकिन, अब इससे छुटकारा मिल गया है. इतना ही नहीं, जहां डीवीसी से पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली लेनी पड़ती थी, वहीं अब इसकी दर मात्र तीन रुपए प्रति यूनिट आएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिजली मानव जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है. बिजली के बिना किसी विकास परियोजना की कल्पना नहीं की जा सकती है. घरेलू कामकाज से लेकर उद्योग धंधों के संचालन में बिजली की महत्ता से हम सभी वाकिफ है. हमारी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि गांव-गांव बिजली पहुंचे. घर-घर रौशन हो, इसी संकल्प के साथ बिजली परियोजनाओं के काम की गति तेज की गई है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. लेकिन, इस आपदा से निपटने में हम सक्षम हैं. हमारी सरकार को राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों की चिंता है. हर घटना पर हमारी नजर बनी हुई है. जांच में तेजी लाई गई है और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और ल़ॉकडाउन के दौरान सरकार ने मुफ्त में अनाज के साथ भोजन वितरण का कार्य बड़े पैमाने पर किया. इसी का नतीजा है कि हमारे राज्य में भूख से मौत नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ रहे मामले से निपटना कड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन हतोत्साहित नहीं है. लोगों की जान बचाना औऱ भूख से कोई मौत नहीं हो, इसके लिए सरकार ने सभी पुख्ता इंतजाम किए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब कोरोना जंग से भी लड़ना है औऱ व्यवस्था भी चलानी है.