Jharkhand: झारखंड में इन दिनों सियासी हलचल बड़ी तेज है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों सामने है सत्ता पक्ष अपने कुनबे को मजबूत रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है वहीं भाजपा के द्वारा उन्हें तोड़ने की कवायद भी तेजी से जारी है ऐसा दावा किया जा रहा है.
बीते शनिवार को राज्य में उपजे राजनीतिक हालात को देखते हुए यूपीए विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास में सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुलाई गई थी जिसके बाद सत्ताधारी दल के कई विधायक बसों में बैठकर खूंटी जिले के लतरातू डैम पिकनिक करने पहुंच गए थे मुख्यमंत्री आवास से बस निकलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि इन विधायकों को खून पी के रास्ते छत्तीसगढ़ लेकर जाया जा रहा है परंतु ऐसा नहीं हुआ फिर वह खूंटी से वापस रांची लौट गए इस बीच कई तरह के कयास लगाए जाते रहे भाजपा इस मुद्दे को लेकर सत्ताधारी दल को घेरने का प्रयास करती रही लेकिन उनके मंसूबे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करारा छूट देते हुए उनके अदाओं को पूरी तरह से फेल करा दिया है.
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सत्ताधारी दालों के विधायकों को रायपुर किया जा रहा शिफ्ट:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निर्वाचन आयोग की तरफ से लिए गए फैसले अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है इस बीच या दावा किया जा रहा है कि जानबूझकर केंद्र सरकार के इशारे पर ऐसे कार्य किए जा रहे हैं जिस वजह से सत्ताधारी विधायकों को धन बल के आधार पर खरीदा जा सके ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा बड़ी तेजी से फैल रही है कि सत्ताधारी दल के विधायकों को अपने पाले में करने के लिए भाजपा के पास पश्चिम बंगाल के रास्ते हवाला के जरिए 200 से 300 करोड़ रुपए पहुंचने वाले हैं जिससे वे सफल हारी दल के विधायकों को खरीद कर अपने पक्ष में करना चाहते हैं इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेसी एवं राजद ने यह फैसला किया है कि वे अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर में रखेंगे जब तक निर्वाचन आयोग का कोई फैसला सार्वजनिक नहीं हो जाता है राजभवन के द्वारा फैसला आने के बाद ही आगे की रणनीति पर यूपीए कार्य करेगी फिलहाल इन विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए और भाजपा के प्रयोग से बचाने के लिए रायपुर शिफ्ट किया जा रहा है
ऐसा पहली बार नहीं है जब भाजपा पर प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा हो इससे पहले भी कई बार आरोप लग चुके हैं और भाजपा पर खरीद फरोख्त करने साजिश का इल्ज़ाम भी लगा हैं. कांग्रेस पार्टी के तीन विधायक जी ने पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था उन पर भी आरोप था वह कि वह तीनों विधायक सरकार गिराने के लिए भाजपा के संपर्क में हैं.