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ED Raid in Jharkhand: ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर के यहाँ मिले करोड़ो के जेवर, पत्नी को चुनाव लड़ाने की कर रहा था तैयारी

ED Raid in Jharkhand: झारखंड में मंगलवार को ईडी ने बड़ी छापेमारी करते हुए करोड़ो रुपए के जेवरात बरामद किया है. यह कार्रवाई ईडी (ED Raid) ने ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम (virendra ram) के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी (ED raid) की है. 

जानकारी के मुताबिक  रांची के अशोकनगर, सिरसा, सिवान, जमशेदपुर और दिल्ली स्थित वीरेंद्र राम के ठिकानों पर एक साथ ईडी की टीम ने रेड की है. गौरतलब है कि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने साल 2019 में जमशेदपुर में वीरेंद्र राम के घर पर छापामारी की थी, इस दौरान राम के घर से 2.45 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे. इसी मामले को लेकर ईडी ने वीरेंद्र राम के ठिकानों पर मंगलवार से छापेमारी शुरू की है.

ED Raid in Jharkhand: दिल्ली से लेकर झारखंड के कई ठिकानों पर हुई ईडी की छापेमारी

सूत्रों के अनुसार वीरेंद्र राम के कुल 24 ठिकानों पर एक साथ ईडी की टीम ने छापेमारी की है. यह 24 ठिकाने देश की राजधानी दिल्ली, झारखंड की राजधानी रांची के साथ-साथ जमशेदपुर हिसार और सिवान में स्थित है. ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम सरकार के काफी चहेते माने जाते हैं. उनके यहां ईडी की छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है.

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जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के पास बेनामी संपत्ति है. जमशेदपुर के शिव गंगा अपार्टमेंट और मानगो के वसुंधरा स्टेट में भी उनका एक-एक फ्लैट है. इसके अलावा जमशेदपुर के ही ग्रीन वाटिका में उनके दो डुप्लेक्स हैं. पटना, दिल्ली जैसे शहरों में भी उनकी कई संपत्तियां हैं जो बेनामी है. हाउसिंग बोर्ड में रहते हुए भी वीरेंद्र राम पर कई तरह की अनियमितता के आरोप लगे थे. इसके बावजूद वह सरकार के चहेते बने रहे और प्रमुख पदों पर विराजमान रहे.

ED Raid in Jharkhand: साल 2019 में भी वीरेंद्र राम पर पड़े है छापे, 2.45 करोड़ रुपए हुए थे बरामद

ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य प्रभारी अभियंता प्रमुख वीरेंद्र राम को पद से हटाने जाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल की गई है. साल 2019 में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने वीरेंद्र राम के जमशेदपुर स्थित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी इस छापेमारी में 2.45 करोड़ रुपये नगद मिले थे. जांच में यह बात सामने आई थी कि बरामद पैसे वीरेंद्र राम के द्वारा कमाई गई अवैध संपत्ति थी.