Amit Mahato: झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व विधायक अमित कुमार महतो को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाईकोर्ट में निचली अदालत से मिली 2 साल की सजा को सुनवाई पश्चात 1 साल कर दिया है।
पूर्व विधायक अमित महतो को निचली अदालत से 2 वर्ष की सजा मिली थी। इससे उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। उसी सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर बेंगरा की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने निचली अदालत के 2 साल की सजा को 1 वर्ष की सजा में बदल दी है।
अदालत ने माना कि निचली अदालत के द्वारा जो अधिकतम सजा दी गई थी। उसका कोई मुख्य कारण उसमें नहीं था। उसी को देखते हुए हाईकोर्ट ने उनकी सजा को 1 वर्ष की सजा में बदल दी। पूर्व में इस सजा के कारण वे निलंबित हुए थे अब इस सजा को 1 वर्ष के जाने के बाद वह पूर्व विधायक कहे जाएंगे।
क्या था मामला जिसमें Amit Mahato Silli को अदालत ने सुनाई थी सजा
सोनाहातू सीओ कार्यालय के घेराव को लेकर उसमें सीओ घायल हुए थे। उसी मामले में सोनाहातू में वर्ष 2006 में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उसी मामले पर निचली अदालत ने उन्हें अधिकतम सजा दी थी जिसके कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई थी। गौरतलब है कि अमित महतो सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। उनका नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा के उभरते नेताओं में शुमार किया जाता था।
हालांकि, पिछले साल खतियान आधारित आंदोलन को लेकर अमित महतो चर्चा में आए। उन्होंने 1932 का खतियान लागू करने की मांग को लेकर जनवरी 2022 में जारी आंदोलन के बीच हेमंत सोरेन सरकार और अपनी पार्टी को अल्टीमेटम दिया था कि यदि मांगे नहीं मानी गई तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। 20 फरवरी 2022 को अमित महतो ने पत्नी के साथ पार्टी छोड़ दी। बाद में उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव सहित कुछ अन्य आदिवासी-कुर्मी नेताओं के साथ खतियानी झारखंडी पार्टी का गठन किया था। बाद में गीताश्री उससे अलग हो गईं। फिलहाल, कोई अपडेट नहीं है।