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32 लाख गरीबों को मुफ्त बिजली, 42 लाख उपभोक्ताओं को राहत सहित सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट का लक्ष्य, ऐसी है सीएम हेमंत सोरेन की सोच

News Desk
32 लाख गरीबों को मुफ्त बिजली, 42 लाख उपभोक्ताओं को राहत सहित सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट का लक्ष्य, ऐसी है सीएम हेमंत सोरेन की सोच 1

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की सरकार राज्यवासियों को बेहतर बिजली सुविधा देने में भरोसा करती है. मुख्यमंत्री की सोच यही है कि वे अपने चुनावी वादों को तो पूरा करें ही साथ ही भविष्य की पीढ़ी के लिए भी बिजली उपलब्धता को सुनिश्चित कर दें.

ऐसा करने में वे सवा तीन करोड़ से अधिक जनता को वैसा झूठ आश्वासन नहीं दें, जैसा पूर्व की भाजपा सरकार देती थी. बता दें कि रघुवर सरकार ने साल 2018 तक घर-घर 24 घंटे बिजली पहुंचाने का वादा किया था, पर यह वादा आज तक पूरा नहीं हो सका है.

सीएम हेमंत सोरेन 32 लाख उपभोक्ताओं को 100 यूनिट फ्री बिजली उपलब्ध करवा रहे है

विधानसभा चुनाव-2019 में किए अपने चुनावी वादों के तहत हेमंत सरकार राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली दे रही है. लिए निर्णय के तहत ऐसे उपभोक्ता जो 100 यूनिट से कम बिजली उपभोग करते हैं, उन्हें बिजली बिल नहीं देना पड़ रहा है.

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100 यूनिट बिजली खपत करने वाले बिजली उपभोक्ताओं की संख्या करीब 32 लाख है. इनमें से करीब 27 लाख बिजली उपभोक्ता गांव के हैं. उपभोक्ताओं को यह सुविधा देने के एवज में हेमंत सोरेन सरकार झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को करोड़ रुपये का अनुदान भी दे रही है.

42 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम की हुई शुरूआत

राज्य के 42 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के लिए फिर से वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम शुरू की है. लिए निर्णय के तहत पांच किलोवाट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में बकाये रखने पर लगनेवाले डिले पेमेंट स्ररचार्ज (डीपीएस) को माफ करेगी.

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ओटीएस स्कीम के तहत पांच किलोवाट तक के उपभोक्ता या कृषि उपभोक्ताओं के नवंबर 2022 तक के बकाये राशि में मूल राशि अधिकतम पांच किस्तों में जमा करते हैं, तो कुल डीपीएस माफ कर दिया जायेगा. सरकार करीब 1004.93 करोड़ रुपये का डीपीएस माफ करेगी. किसी भी किस्त में न्यूनतम 20 प्रतिशत से कम राशि जमा नहीं की जा सकेगी.

पर्यावरण संरक्षण के लिए बिजली को हथियार बनाने वाले पहले मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन

हेमंत सरकार झारखंड की पहली ऐसी सरकार है, जिसने पर्यावरण संरक्षण के लिए बिजली को हथियार बनाया है. मुख्मयंत्री ने बीते साल जुलाई माह में घोषणा की है कि राज्य के शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग अगर अपने घर के कैंपस में पेड़ लगाते हैं और उसका संरक्षण करते हैं तो उन्हें प्रत्येक पेड़ पर 5 यूनिट बिजली फ्री दी जायेगी. हेमंत सोरेन का मानना है कि शहरी क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हम अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगायें.

ऊर्जा की खपत और उत्पादन को लेकर हेमंत सरकार की दूरदर्शी सोच.

ऊर्जा की खपत और उत्पादन को लेकर हेमंत सरकार दूरदर्शी सोच पर काम कर रही है. इसमें पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर विशेष फोकस और नए-नए पॉवर ग्रिड सब-स्टेशन का जिलों को सौगात देना है. जैसे….

• अक्षय ऊर्जा स्रोतों के तहत सौर ऊर्जा के सभी संभावनाओं को ध्यान रखा जा रहा है. राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा नीति-2022 को लांच किया है. नीति के तहत अगले 5 वर्ष में झारखंड में करीब 4000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
• धनबाद एवं दुमका में 600 केवी के सोलर प्लांट लांच किया गया है.
• गिरिडीह सोलर सिटी योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप पावर प्लांट परियोजना लांच की गयी है.
• चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड स्थिति चोरकारी में 190 करोड़ रुपए के लागत से बने 220 केवी की ‘चोरकारी पॉवर ग्रिड सब-स्टेशन को लांच किया गया.
• दुमका जिले के सरैयाहटा ब्लॉक के दिग्धी गांव में ढोलपहाड़ के पास नया पावर स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
• दुमका के मदनपुर से गोड्डा गांधीग्राम श्रीपुर 72 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन 220 केवी को लांच किया है.
• गढ़वा के भागोडीह ग्रिड सबस्टेशन, भवनाथपुर और पलामू के छत्तरपुर ग्रिड सबस्टेशन का शिलान्यास किया गया है. भवनाथपुर में बनने वाले ग्रिड सबस्टेशन की क्षमता 100 एमवीए होगी. यह 1 साल में तैयार होगा. इसकी लागत राशि 38.07 करोड़ है. इसके बनने से भवनाथपुर सहित आसपास के कई क्षेत्रों (केटर, खरौंदी, कांडी और मझिआंव) में पर्याप्त बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी.

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32 लाख गरीबों को मुफ्त बिजली, 42 लाख उपभोक्ताओं को राहत सहित सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट का लक्ष्य, ऐसी है सीएम हेमंत सोरेन की सोच 3