पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा पंचायत स्तर पर दो तरह की ग्राम विकास समितियों का गठन किया गया था. आदिवासी बहुल क्षेत्रों के लिए आदिवासी विकास समिति और गैर आदिवासी क्षेत्रों के लिए ग्राम विकास समिति के नाम से दो तरह की गठित की गई थी। इन्हें गांवों में कुआं, तालाब, डोभा, स्ट्रीट लाइट आदि विकास कार्य करने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी।
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ग्रामीण विकास विभाग के तहत ही इन समितियों को वर्ष 2018-19 में और 2019-20 में कुल 172 करोड़ों रुपए विकास कार्यों के मद में इन समितियों को दिए गए थे। इस वित्तीय वर्ष में इन्हें कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। पूर्व में भी जो राशि आवंटित है और अगर वह खर्च नहीं हुई है तो उसे वापस लिया जाएगा।
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वर्तमान की हेमंत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व से ही जनता द्वारा चुनी गईं समितियां हैं, ऐसे में अलग से समितियों के गठन की आवश्यकता नहीं थी। इसलिए इन समितियों को विकास कार्य के लिए राशि देने पर रोक लगा दी गई है। 2 वित्तीय वर्ष में योजना के तहत समितियों द्वारा किए गए कार्यों एवं उस पर खर्च राशि का आकलन किया जा रहा है।