हेमंत सरकार ने गरीब पहाड़िया-आदिवासी किसानों को खेतीबारी के लिए स्वावलम्बी बनाने के लिए मुफ्त में खरीफ 2023 में मुख्य रूप से मक्का व बरबट्टी बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
हालांकि कुछ किसानों को बाजरा व रागी (मडुआ) बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जिला कृषि विभाग ने सर्वे पूरा कर किसानों को सूची तैयार कर ली है। प्राकृतिक आपदा की ऐसी मार पड़ी कि आदिवासी व पहाड़िया आदिम जनजाति के किसानों को मजबूरन अपनी फसल की उपज से बचाए गए बीज को भी खाना पड़ गया। सरकार से मिलने वाला राशन भी उनके काम नहीं आया। नतीजतन इस साल खरीफ के सीजन में फसल उगाने के लिए उनके पास बीज का छटाक भर नहीं.
हेमंत सरकार ने नौ प्रखंडों के 335 पहाड़िया गांवों में का कराया सर्वे
जिले के नौ प्रखंडों के 335 पहाड़िया गांवों में सर्वे कराया गया जिला कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार ने बताया कि इसके तहत मक्का की खेती करने वाले 4830 किसानों को 43381.80 किलो बीज एवं बरबट्टी की खेती करने वाले 4089 किसानों को 25928.70 किलो बीज की जरूरत का आकलन किया गया है। डीएमएफटी फंड से इन किसानों को बीज उपलब्ध कराने की योजना है। इसके लिए डीसी ने सर्टीफाइड सीड (बीज) टेंडर के माध्यम से खरीदने की योजना बनाई है। इसके लिए डीसी के स्तर से शीघ्र निर्णय लेने की बात कही गई है।