इंजीनियरिंग और पोलिटेक्निक में नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए इसे शुरू किया जा रहा है। रांची-खूंटी, गिरिडीह व साहिबगंज में इंजीनियरिंग कॉलेज विश्वस्तरीय सुविधा के साथ शुरू होंगे। नए संस्थान खोलने के साथ-राज्य सरकार ने पुराने संस्थानों को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप) में चलाने का निर्णय लिया है।
गोड्डा, जामताड़ा, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग, खूंटी, गिरिडीह के बगोदर और पलामू में नवनिर्मित आठ पोलिटेक्निक को नए शैक्षणिक सत्र से पीपीपी मोड में चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कोडरमा व रामगढ़ के दो नवनिर्मित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय (इंजीनियरिंग कॉलेज) को भी पीपीपी मोड में चलाया जाएगा। इन इंजीनियरिंग व पोलिटेक्निक कॉलेजों को पीपीपी मोड में चलाने के लिए उच्च व तकनीकि शिक्षा विभाग संस्थाओं को आमंत्रित कर करार करेगा।
engineering colleges: राज्य के विद्यार्थियों को 2400 सीटें मिल जाएंगी
बताते चलें कि, इस पहल के बाद और झारखंड के विभिन्न जिलों में आठ नए पोलिटेक्निक कॉलेजों में पढ़ाई शुरू होने के साथ राज्य को 2400 सीटें मिल जाएंगी और उसमें राज्य के छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सकेगा। राज्य के 17 पोलिटेक्निक में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिएशन प्राप्त कर नए संकाय की पढ़ाई शुरू कको लेकर भी कवायद जारी है। राज्य के सभी इंजीनियरिंग व पोलिटेक्निक कॉलेजों में निशुल्क वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही, पठन-पाठन में आईसीटी का उपयोग भी सुनिश्चित किया जाएगा।
2025 तक पेपरलेस होंगे सभी संस्थान
राज्य सरकार की ओर से सभी राजकीय तकनीकी शिक्षण संस्थानों व कार्यालयों को पेपरलेस करने की तैयारी की जा रही है। सरकार वर्ष 2025 तक राज्य के सभी संस्थानों को पेपरलेस करेगी। इसी कवायद के तहत 2023-24 के नए शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरुआत रांची के राजकीय पोलिटेक्निक व बीआईटी सिंदरी इंजीनियरिंग कॉलेज से होगी। सरकार ने आने वाले शैक्षणिक सत्र में भी बीआईटी सिंदरी में जॉब प्लेसमेंट के लक्ष्य को बरकरार रखने का निर्णय लिया है।