Hemant Government: राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और झारखंड राज्य खाद्य योजना के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातिय समूहों (पीवीटीजी) के अनाज की लूट के लिए आहार पोर्टल में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।
पोर्टल में अच्छादित लाभुकों में से कई गैर पीवीटीजी को भी पीवीटीजी श्रेणी में डाल दिया गया है। खुलासे के बाद सरकार ने साइबर अपराध के पहलुओं पर जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीआईडी की साइबर शाखा ने जांच शुरू कर दी है।
राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद पीवीटीजी को खाद्यान पैकेट घर तक मुफ्त पहुंचाया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अच्छादित लाभुकों के लिए अनुदानित दर पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए जनवरी 2021 से झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम से लाभुकों का स्थानांतरण होना है। इसमें पहली प्राथमिकता पीवीटीजी की है। इसके लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारियों को लॉगिन आईडी दी गई है, ताकि पीवीटीजी की पहचान का सत्यपान करा सकें।
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समीक्षा में पाया गया कि पूर्वी सिंहभूम में 1199, गिरिडीह में 2577, गुमला में 1938, हजारीबाग में 1014 और लोहरदगा जिले में 1045 राशनकार्ड को बिना कोई दस्तावेज के पीवीटीजी श्रेणी में परिवर्तित कर दिया गया। जांच में पता चला कि रात आठ बजे के बाद डीएसओ लॉगिन का दुरूपयोग करते हुए यह गड़बड़ी की गई है।