Ranchi : झारखंड की सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार को अस्थिर करने की विपक्ष (भाजपा) लगातार कोशिश में है. हर तरह के हथकड़े अपनाए जा रहे हैं. साजिश रचा जा रहा है. साथ ही भाजपा नेता लगातार हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार बढ़ाने का कथित आरोप लगा रहे हैं. लेकिन विपक्षी नेताओं को यह नहीं दिख रहा है कि हेमंत सरकार के तीन साल के कार्यकाल में झारखंड विकास की एक लंबी लकीर खींच रहा है. पहली बार राज्य के कई घोर नक्सल प्रभावित इलाकों तक विकास और वहां रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. पूर्व की भाजपा सरकार भी कुछ ऐसा ही दावा किया गया. लेकिन सच्चाई यही है कि उस दौरान विकास नहीं बल्कि सरकार के शह पर फर्जी मुठभेड़ पहुंचा था. इसी फर्जी मुठभेड़ में बकोरिया कांड काफी चर्चित था.
सरकार पर लगा था निर्दोष को मारने का आरोप
बता दें कि पलामू के सतबरवा ओपी क्षेत्र में बकोरिया गांव में 8 जून 2015 को कथित मुठभेड़ हुई थी. इसमें पुलिस ने 12 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था. बाद में परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली थी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया. मारे गए लोगों में दो नाबालिग व एक पारा शिक्षक के भी शामिल होने की बात आयी थी.
जानें, Hemant Soren सरकार के नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचे विकास काम को
हेमंत सोरेन सरकार में आज ऐसे कई उदाहरण हैं, जो बताता है कि किस तरह से नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास तेजी से पहुंच रहा है.
- सबसे पहले अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुमार लातेहार जिले की.
कभी नक्सलवाद के लिए चर्चित इस जिले की पहचान अब पर्यटन से हो रही है. यहां स्थित ललमटिया डैम (जो प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता था) लगातार पर्यटकों को अपनी और खींच रहा है. पहले नक्सलवाद के डर से कोई भी बाहरी लोग यहां नहीं जाते थे. लातेहार दौरे के दौरान जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नजर इस डैम पर पड़ी, तो उन्होंने लातेहार के उपायुक्त को इसके सौंदर्यीकरण का निर्देश दिया. हेमंत सोरेन के निर्देश का ही असर था कि ललमटिया डैम को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया.
- गढ़वा जिले का बूढ़ा पहाड़ इलाका.
यह इलाका पिछले तीन दशकों तक नक्सलियों का गढ़ रहा. पिछले कई दशकों में यहां पर सैकड़ों बार नक्सली हिंसा, हत्या की घटनाएं हुई. यह एक ऐसा इलाका था,जहां आज तक जिला प्रशासन भी कभी नहीं पहुंच पाया. लेकिन आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेत़ृत्व में वहां विकास पहुंच गया है. बता दें कि हाल ही में सुरक्षा बल ने इस इलाके को नक्सल से मुक्त कराया है.
आपकी योजना – आपकी सरकार – आपके द्वार कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरूआत जब बीते 12 अक्टूबर को हुई, तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले के उपायुक्त रमेश घोलप ने स्वंय बूढ़ा पहाड़ के गांवों में पहुंचे. उनके देखरेख में ‘आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” की शुरूआत बूढ़ा पहाड़ के पंचायतों से किया गया. उपायुक्त स्वंय तीन घंटे से ज्यादा समय लोगों के बीच बैठे. उनकी समस्याओं को सुना. कई योजनाओं के स्वीकृति पत्र भी बांटे.
- खूंटी जिला का तोरपा प्रखंड का जरिया पंचायत
आजादी के बाद पहली बार इस पंचायत के लोगों को विकास की जानकारी मिली. इन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा. पंचायत भी आपकी योजना – आपकी सरकार – आपके द्वार कार्यक्रम के तहत शिविर लगाया गया. पहली बार इस पंचायत के गितिलबेड़ा गांव में तीन आईएएस, एक आईपीएस समेत जिला और प्रखंड स्तर के कई अधिकारी पहुंचे. हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीणों के बीच सरकारी योजनाओं का वितरण किया गया. अधिकारियों ने विस्तार पूर्वक ग्रामीण की समस्याओं को सुनी. ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद खूंटी उपायुक्त ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ दो कदम आप चलें, चार कदम प्रशासन चलेगा. हम सब मिल-जुलकर आने वाले चार महीने के अंदर इन गांवों की तस्वीर बदल देंगे.
- सरायकेला – खरसावां जिला के ट्राई जंक्शन स्थित कुचाई थाना क्षेत्र के जम्बारो गांव.
पहली बार यहां पर विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया है, वह भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर. आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों के बीच कबंल, धोती, साड़ी तथा युवाओं को फुटबॉल, जर्सी, बूट, जूते एवं बच्चों के बीच कॉपी, कलम आदि बांटा गया. ग्रामीणों को सरकार के द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में बताया गया तथा समस्याओं के निराकरण से संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए गए. बता दें कि घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक यह इलाका कभी नक्सली कमांडर सी.सी.एम. अनल दा, असीम मंडल एवं आर.सी.एम. अमित मुंडा का गढ़ माना जाता था.