Skip to content

मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, आदेश का कितना पालन हुआ

Arti Agarwal

झारखंड के बहुचर्चित मॉबलिंचिंग के दौरान मारे गए तबरेज अंसारी के मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उठाए गए कदम का असर अब तक क्या है.

अदालत ने सरकार से यह भी पूछा की तहसील पूनावाला के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का राज्य में कितना पालन किया गया है. इस मामले पर पीड़ित के परिजनों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. 4 सप्ताह में विस्तृत जानकारी हाईकोर्ट पेश करें.

Also Read: दुष्कर्म मामले पर थाना प्रभारी ने कहा आपस में समझौता कर मामले को करे रफा-दफा

मालूम हो कि वर्ष 2019 के जून महीने में सरायकेला में उन्मादी भीड़ की हिंसा का शिकार हुए तबरेज अंसारी के चाचा मकबूल आलम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. इस मामले में सरकार ने जवाब दाखिल कर बताया कि चोरी करते हुए पकड़े जाने पर कुछ लोगों ने तबरेज की पिटाई की थी. पुलिस ने उसे लोगों से बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में जांच पूरी कर ली गई है. प्रार्थी की तरफ से वरीय अधिवक्ता अल्लाह ने अदालत को बताया कि इस घटना में पुलिस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.

पुलिस ने तबरेज को समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया था इस पर अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला केस में वर्ष 2018 में सभी राज्य सरकारों को उन्मादी भीड़ द्वारा हत्या के मामले में कई कदम उठाने को कहा था. सरकारों को इस तरह की घटना पर निगरानी के लिए कमेटी बनाने को कहा गया था. प्रत्येक इलाके में ऐसे अधिकारी की प्रतिनियुक्ति होनी थी जो ऐसी घटना पर नजर रखें. इस अधिकारी को घटना के बाद पीड़ित के इलाज से लेकर सजा दिलाने तक की पूरी की प्रक्रिया करनी थी. परिवारों के पुनर्वास का व्यवस्था करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है. उनके परिजनों के पुनर्वास और बच्चों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था भी सरकार को करनी थी. अदालत ने इस पर राज्य में कितना काम किया गया इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी है.