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हेमंत सरकार में होता है न्याय , तो भाजपा के शासनकाल पर उठता है सवाल, जाने ऐसा क्यों कहा जा रहा ?

News Desk

रांची: झारखंड के गत शासनकाल रघुवर दास की रही है। रघुवर दास के शासनकाल में आईएएस पूजा सिंघल राज्य कृषि सचिव रही है और चतरा, खूंटी और पलामू जिला के उपायुक्त रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता सामने आई थी। मनरेगा घोटाले में ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया है। रघुवर सरकार के दौरान उन्हें क्लीन चिट दिया गया था तभी ये सवाल उठा था कि रघुबर सरकार में पूजा सिंघल मामले में फ़ाइल क्यूँ दबाई गयी ? इन्हीं कारणों से रघुबर दास जी की संलिप्तता होने की बात कही जाती रही है और वहीं अडानी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर लग रहे ग्रहण के बीच मोदी सरकार पर विपक्ष लगातार अपने बयान से हमला कर रही है। विपक्ष यहां तक कह रही है कि “अडानी के नाम आता है तो भाजपा का हाथ-पांव फूल जाता है।” एवं संसद बजट सत्र में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने मोदी-अडानी भाई- भाई के नारे लगाए।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सरेआम हेमन्त सरकार की अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार गिराने की बात बाबूलाल कह रहे थे। सत्ता की लोलुपता है जो बाबूलाल मरांडी की राग बदल गया है।
एक जमाने श्री मरांडी कहते थे रघुबर सरकार के कार्यकाल की सीबीआई जांच कराएं।
और आज देखिए। गलबहियां हो रही है। कि विशाल चौधरी किसके शासन काल में आया? प्रेम प्रकाश को हवा किसने दी? सबकी सुई भाजपा की तरफ घूम रही है। मगर कीचड हेमन्त सोरेन पर बढ़ने का काम किया जा रहा है।
सत्ता की लोलुपता में बाबूलाल ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला करने वाले आरोपी को माला पहनाये थे। ऐसा लग रहा है मानो जैसे हेमंत सोरेन से इनकी लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि अपनी कोई निजी खुन्नस निकाल रहे हैं। जबकि हेमंत सोरेन ने बाबूलाल के बेटे के हत्यारे को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया। कुर्सी की ऐसी लड़ाई झारखंड राजनीतिक इतिहास में पहली बार दिख रहा है।