Hemant Soren: 9 से 13 अक्टूबर 2017, यह वह वह दिन था, जब झारखंड को एक अलग पहचान दिलाने की पहल हुई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास चेक रिपब्लिक और जापान की छह दिवसीय यात्रा पर गए थे. इस दौरान झारखंड में पूंजी निवेश और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने को लेकर कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए गए.
इसी तरह मोमेंटम झारखंड जैसे पहल की गयी. हालांकि तत्कालीन भाजपा सरकार और इनके नेताओं की यह पहल केवल और केवल दिखावा से ज्यादा कुछ साबित नहीं हुआ. दूसरी तरफ बतौर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घर बैठे-बैठे कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिससे न केवल झारखंड को विदेशों में एक अलग पहचान मिल रही है, बल्कि झारखंड की धरती पर आकर विदेशी मेहमान भी यहां पर हो रहे विकास कार्यों और संस्कृति की चर्चा कर रहे हैं.
हेमंत सरकार (Hemant Soren) की वैसी पहल, जो झारखंड को एक अलग पहचान दिलान में मददगार साबित हुई
हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे ही जानकारी दे रहे हैं, जो साबित करता है कि झारखंड को एक अलग पहचान मिल रहा है.
1 – सबसे पहले जी-20 सम्मेलन की. राज्य गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब झारखंड में इस तरह का अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ. हेमंत सोरेन के कार्यकाल में इस कार्यक्रम में राज्य में 23 विदेश मेहमान राजधानी पहुंचे. विदेशों के साथ झारखंड की धरती पर अंतरराष्ट्रीय समस्याओं जैसे कि ग्लोबल वार्मिग, अक्षय ऊर्जा जैसे विषयों पर चर्चा हुई. विदेशी मेहमानों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. सभी ने हेमंत सोरेन के कार्यों की सराहना की.
2 – फरवरी 2023 को विश्व बैंक की टीम खूंटी जिला पहुंची थी. राजधानी पहुंचने का उद्देश्य किसानों के हित में शुरू किए गए किसान पाठशाला और तेजस्वी योजना की जानकारी लेना था. अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में हेमंत सोरेन सरकार के किए जा रहे कामों की सराहना की.
3 – बीते दिनों इटली के रेजियो इमीलिया की डिप्टी मेयर अपने सहयोगियों के साथ रांची स्मार्ट सिटी को देखने पहुंची थी. यहां टीम ने स्मार्ट सिटी के कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर और शहर में संचालित पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम की सराहना की. बता दें कि स्मार्ट सिटी केंद्र सरकार की परियोजना है. इसके बावजूद हेमंत सोरेन सरकार योजना के हर पहलुओं पर काम कर रही है. सीएम खुद समय-समय पर स्मार्ट सिटी परियोजना का निरीक्षण करते रहे हैं.
4 – बीते साल फरवरी माह में जमैका से दो सदस्यीय टीम ने झारखंड के खूंटी और रांची जिले का दौरा किया था. दौरा करने का उद्देश्य झारखंड का प्राकृतिक सौंदर्य, आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा, महिला सशक्तिकरण, कृषि स्वयं सहायता समूह प्रणाली आदि पर आधारित डॉक्यूमेंट्री बनाना था, जिसे जमैका में दिखाया गया है. इससे झारखंड को विदेशों में एक अलग पहचान मिली है.
5 – जनवरी 2023 को नॉर्वे से 30 विदेशी सैलानियों का जत्था झारखंड की उपराजधानी दुमका पहुंची थी. इन विदेशी सैलानियों का दुमका दौरा शैक्षणिक भ्रमण के लिए था. इन सैलानियों में विदेशी संगीतकार, शिक्षक एवं छात्र शामिल थे. मुख्यमंत्री के निर्देश पर विदेशी मेहमानों का हर तरह से ख्याल रखा गया. इससे झारखंड की एक अलग पहचान बनने में मदद मिली.