CM Hemant Soren: बाबूलाल मरांडी के गृह जिले से आने वाले प्रो. जयप्रकाश वर्मा पिछले कई दिनों से भाजपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे. चर्चा यह भी है कि कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से वे खुद को हाशिए पर महसूस कर रहे थे.
उनकी मर्जी के विरुद्ध यहां संगठन का विस्तार किया जाता रहा. समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई. इस विषय को लेकर वह सांसद अन्नपूर्णा देवी और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से भी मिले लेकिन उनकी बातें नहीं सुनी गई.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पूर्व सांसद रवींद्र राय के कहने पर उन्हें भाजपा की सदस्यता ली थी. पार्टी ने उन्हें विधानसभा से उम्मीदवार बनाया था. 2015 में वे विधायक बने 2019 के चुनाव में उन्हें काफी मुश्किल से पार्टी से टिकट मिला. जिले में कई बड़े नेताओं की भीतरी घात से इन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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गांडेय के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा आज भाजपा छोड़ झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम चुके हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें पार्टी का पट्टा देकर शामिल करवाया है. झारखंड में चल रही सियासी घमासान के बीच यह खबर जहां झामुमो के लिए राहत भरी है वही इसे बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. पार्टी से नाराज चल रहे पूर्व विधायक को जेएमएम ने मोह लिया है. ऐसी ख़बरें आ रही है की भाजपा के कई बड़े नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहे है और उनका रुख झामुमो की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है.