Jharkhand High court: झारखंड को बने 23 वर्ष हो चूका है बावजूद इसके अब तक जेपीएससी का अदालत से नाता नहीं टूट सका है. या फिर यूँ कहें की दोनों एक दुसरे के बिना अधूरे है.
द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की सीबीआई जांच कराने वाली बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका एवं राज्य सरकार की अपील की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को हुई. मामले में सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया की प्रथम और द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा गड़बड़ी मामले की जांच अभी चल रही है, जिस पर कोर्ट ने सीबीआई को फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दायर कर इन दोनों मामलों में दर्ज केस की अद्यतन स्थिति बताने को कहा है.
Jharkhand High court: कोर्ट ने पूछा, किन-किन आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिली
सीबीआई से जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा के गड़बड़ी के आरोपियों ( राज्य सरकार के अधिकारियों) के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की क्या स्थिति है, के बारे में भी स्टेटस रिपोर्ट मांगा है. कोर्ट ने पूछा है कि जेपीएससी प्रथम और द्वितीय जांच के किन-किन आरोपियों के खिलाफ सीबीआई को अभियोजन स्वीकृति मिली है और किनके खिलाफ अब तक अभियोजन स्वीकृति का मामला राज्य सरकार के पास लंबित है.
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अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवार एवं प्रिंस कुमार ने पैरवी की. दरअसल, कोर्ट के आदेश के आलोक में मामले में सीबीआई की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है. बुद्धदेव उरांव ने जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय की परीक्षा में अंको की हेराफेरी एवं रिजल्ट प्रकाशन में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया है. वहीं राज्य सरकार की ओर से जेपीएससी द्वितीय के नियुक्त अधिकारियों के खिलाफ एलपीए दायर किया गया है. बता दें कि राज्य सरकार द्वारा ली गई प्रथम एवं द्वितीय जेपीएससी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की जांच पहले निगरानी ब्यूरो कर रही थी, बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को दे दिया गया था.