झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश की जनता जब हर सांस के लिए तरस रही थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन का शिलान्यास किया था.
उसमें भी तत्कालीन राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था. एक बार फिर से उद्घाटन समारोह में आदिवासी राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया. समारोह से 500 मीटर की दूरी पर ही राष्ट्रपति आवास है. बावजूद उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया. यह सबसे दुख की बात है.
झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने और कुछ ही दूरी पर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहीं पहलवान बेटियों को हिरासत में लिए जाने की घटना का उन्होंने विरोध किया. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि ये घटनाएं बेहद दुखद हैं.
JMM ने सड़क पर संघर्ष कर रही बेटियों पर कहा, देश के लिए मेडल लाने वालों को संघर्ष करना पड़ रहा है
जेएमएम महासचिव सह प्रवक्ता श्री भट्टाचार्य कहते हैं कि देश की बेटियां जब मेडल लेकर आती हैं तो उनके घर की बेटियां और जब न्याय मांगती हैं तो उन्हें कोई फिक्र नहीं है. जिस आदमी के ऊपर इतने मामले दर्ज हैं, वह पीएम का भाषण सुन रहे थे और देश की बेटियां जिन्होंने भारत का नाम ऊंचा किया है, वो सड़क पर संघर्ष कर रही थीं. ये बेहद दुखद है.