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झारखंड में सत्ताधारी दलों के बीच शुरू हुई बोर्ड निगम और 20 सूत्री कमिटी को लेकर माथापच्ची

झारखंड की सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के बीच बोर्ड निगम और 20 सूत्री कमिटी का विस्तार करने के लिए माथापच्ची शुरू हो गई है सत्ताधारी गठबंधन दलों के बीच बोर्ड निगम और 20 सूत्री कमिटी सहित निगरानी समिति को लेकर सहमति बनाने की कोशिश शुरू हो गई है.

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सरकार में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और राजद के 20 पदों का बंटवारा होगा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत हुई है नेताओं के बीच सहमति बनी है कि बोर्ड निगम और 20 सूत्री में पदों के बंटवारे को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी यह कमेटी गठबंधन दलों के बीच बंटवारे का फार्मूला तैयार करेगी फॉर्मूला तैयार करने वाली कमेटी में गठबंधन दलों के वरिष्ठ नेता कमिटी में शामिल किए जाएंगे.

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ऐसा कहा जा रहा है की कांग्रेस की तरफ से कमेटी में चार लोग शामिल किए जा सकते हैं जिला बार बटेगी 20 सूत्री कमिटी उपाध्यक्ष अलग-अलग दल से होंगे 20 सूत्री कमिटी का जिला भार बटवारा होगा गठबंधन दलों के बीच जनाधार के आधार पर जिस जिले का बंटवारा किया जाएगा जिला में अध्यक्ष प्रभारी मंत्री होंगे वहीं उपाध्यक्ष अलग-अलग दल से होंगे गठबंधन के अंदर 20 सूत्री कमिटी के बंटवारे में समन्वय स्थापित करने की कोशिश की जाएगी इसी फार्मूले पर निगरानी कमेटी का बंटवारा होगा.

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झारखंड में निगरानी समिति का गठन बाबूलाल मरांडी की सरकार में हुआ था जिसके बाद किसी भी सरकार ने निगरानी समिति का गठन नहीं किया अगर राज्य में जिला स्तर पर निगरानी समिति बनी तो इसमें भी सैकड़ों लोगों को जगह मिलेगी 20 सूत्री कमिटी में गठबंधन दल की बड़ी संख्या में आपने अपने लोगों को जगह दे सकते हैं प्रदेश से लेकर प्रखंड स्तर पर दो से ढाई हजार लोग 20 सूत्री कमिटी में शामिल किए जा सकते हैं प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री 20 सूत्री के अध्यक्ष होते हैं वहीं वर्तमान में स्टीफन मरांडी को उपाध्यक्ष बनाया गया है प्रदेश कमेटी में राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल होते हैं जिला में प्रभारी मंत्री पदेन अध्यक्ष होते हैं वहीं उपाध्यक्ष में पार्टी अपने लोगों को जगह देगी प्रखंड स्तर पर भी दर्जनों लोगों को जगह मिल सकती है

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