Koderma: युग का प्रभाव हमेशा से देखने को मिलता रहा है. कलियुग में रिश्ते दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. कुल का दीपक यदि लड़खड़ाने लगे तो बेटियां ही उसे संभालती हैं. झुमरी तिलैया में रेलवे स्टेशन के निकट एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां मां की मृत्यु होते ही लाश को घर में छोड़कर पोते और छोटा बेटा भाग खड़ा हुआ. जबकि बेटी और दामाद ने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि का फर्ज भी निभाया. मामला रेलवे स्टेशन के निकट संचालित निराला होटल से जुड़ा हुआ है. इस घर की 90 वर्षीय गायत्री देवी के बडे़ पुत्र स्व. कृष्णा साहा के पुत्र यानि गायत्री देवी के दोनों पोते सागर साहा और राहुल साहा तथा छोटा बेटा पंकज साहा में प्रोपर्टी को लेकर विवाद चल रहा था. 24 मई को जब गायत्री देवी का निधन हुआ तो उनकी लाश को घर में छोड़कर दोनों पोते और छोटा बेटा घर से निकल गया. एक दिन बाद गायत्री देवी की बेटी प्रीति साहा और दामाद राहुल गुप्ता ने पड़ोसियों की मदद से अर्थी को कंधा दिया और श्मशान में मुखाग्नि देने का फर्ज भी निभाया. इस मामले को लेकर कान्य कुब्ज हलवाई महासभा में रोष देखा जा रहा है. महासभा के जिला सचिव संजीव कुमार साहा ने वृद्वा की लाश को घर में छोड़कर बेटा और पोतों के भाग खडे़ होने के घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए अच्छी बात नहीं है. श्राद्वकर्म की समाप्ति के बाद इस मामले पर सामाजिक स्तर पर विचार किया जाएगा.
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