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मेयर आशा लकड़ा ने सरकार पर लगाया आरोप कहा, रघुवर सरकार में हुए कार्य को वर्तमान सरकार बता रही अपनी उपलब्धि

Arti Agarwal

राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर राँची की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में राज्य के विकास के नाम पर सिर्फ हवाबाजी ही हुई है। धरातल पर विकास कार्यों की हकीकत शून्य है। रघुवर सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं को ही वर्तमान सरकार अपनी एक साल की उपलब्धियों के तौर पर गिना रही है।

आगे मेयर ने कहा कि सीवरेज ड्रेनेज जोन-1 का काम रघुवर सरकार के समय का ही है। शेष कार्य टेंडर प्रक्रिया में है। लेकिन वर्तमान की राज्य सरकार एजेंसी का चयन किए बिना शिलान्यास कर रही है। रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही रांची नगर निगम का नया भवन लगभग तैयार हो चुका था। सिर्फ फिनिशिंग कार्य ही शेष रह गया था। राज्य सरकार इसे भी अपने कार्यकाल का उपलब्धि बताते हुए उद्घाटन कर रही है । राज्य के मुखिया स्वयं नगर विकास विभाग के मंत्री है। विभागीय स्तर पर दावा किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में रांची नगर को पर्याप्त फंड उपलब्ध कराया गया है। जबकि हकीकत यह है कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में आवंटित फंड की तुलना में हेमंत सरकार ने नाम मात्र का फंड दिया।

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मेयर ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना काल में रांची नगर निगम के आंतरिक राजस्व में काफी कमी आई है। नए एजेंसी के विवाद को लेकर अगस्त से दिसंबर तक होल्डिंग टैक्स, वाटर यूजर चार्ज व ट्रेड लाइसेंस से प्राप्त होने वाले राजस्व में भारी कमी आई है। इसके अलावा बाजार शाखा से संबंधित टेंडर विलंब से निष्पादित होने के कारण भी नगर निगम का आंतरिक राजस्व प्रभावित हुआ है। कोरोना काल में राज्य सरकार से फंड की मांग की गई थी, परंतु निगम को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला।

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हेमंत सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में घटित दुष्कर्म, हत्या व आपराधिक घटनाएं सबसे ज्यादा शर्मनाक हैं। राज्य में जंगल राज कायम हो गया है। राज्य की मां, बहनें व बेटियां स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। जल कर में राज्य सरकार की ओर से की गई वृद्धि पर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि कोरोना काल मे झारखंड जल कार्य, जल अधिभार, जल संयोजन नियमावली 2020 को मंजूरी देकर राज्य सरकार ने लोगों पर आर्थिक बोझ डाला है। एपीएल और बीपीएल परिवार को पांच हजार लीटर पानी निःशुल्क देकर राज्य सरकार राहत देने के नाम पर वाहवाही बटोरना चाहती है। जिस राज्य में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं वहां राज्य सरकार पानी पर शुल्क बढ़ाकर क्या साबित करना चाहती है। राज्य सरकार को सबसे पहले घर-घर में नल से पानी की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।