स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व झारखंड का नया प्रतिक चिन्ह जारी किया गया. झारखंड बनने के बाद चार J वाला प्रतिक चिन्ह चल रहा था. जिसमे परिवर्तन करते हुए तत्कालीन हेमंत सरकार ने राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू कि उपस्थिति में जारी किया गया. प्रतीक चिन्ह् के लोकार्पण के अवसर पर राज्य के वीर सपूतों को नमन किया गया.
Also Read: सीएम हेमंत सोरेन करेंगे “मुख्यमंत्री श्रमिक योजना” की शुरुआत, श्रमिक वर्ग को दिया जायेगा रोजगार
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखण्ड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया। हजारों वीरों ने अपनी कुर्बानी दी। आजादी के बाद से नए भारत के नवनिर्माण में झारखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां के श्रमिक अपने श्रम से अन्य राज्यों में समृद्धि ला रहें हैं। आदिवासी बहुल यह राज्य सदैव सामूहिकता में यकीन रखता है। राज्य का नया प्रतीक चिन्ह बदलाव का सारथी है। प्रतीक चिन्ह झारखण्ड की भावना को प्रतिविम्बित करता है।
नए प्रतिक चिन्ह के लोकार्पण के मौके पर राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि राज्यवासियों को झारखण्ड के नए प्रतीक चिन्ह की बधाई। यह प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है। इसमें राज्य की संस्कृति, प्राकृतिक खनिज संपदा को समाहित किया गया है, जो अद्भुत है। कोरोना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा आज कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। राज्य में भी संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जांच की गति को और बढ़ाना होगा, जिससे कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोका जा सके। मैं कोरोना योद्धाओं को नमन करती हूं, सम्मान करती हूं। जिनके सार्थक प्रयास से हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहें हैं।
Also Read: अपना वादा पूरा करने वाली है हेमंत सरकार, जल्द मिल सकती है 100 यूनिट फ्री बिजली
मुख्यमंत्री ने नए प्रतीक चिन्ह की खासियत से अवगत कराया:
- अशोक स्तंभ- राष्ट्र का प्रतीक चिन्ह होने के साथ राज्य की भी संप्रभुता का वाहक। इस चिन्ह को रेखांकित करने का तात्पर्य स्पष्ट। झारखण्ड भी है देश की समृद्धि में भागीदार। झारखण्ड के जीवन दर्शन को इसमें समेटा गया है।
- झारखण्ड का लोक जीवन व संस्कृति – झारखण्ड की समृद्ध एवं अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी परंपरा, वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य की अमिट छाप को लोगों के जेहन में प्रतिबिम्बित करता है।
- पलाश के फूल- राज्य का राजकीय पुष्प। इसके सुर्ख लाल रंग के फूल झारखण्ड के सौंदर्य की गाथा कहते हैं। लाल रंग क्रांति का प्रतीक भी है जो यहां के लोगों के संघर्ष को दर्शाता है।
- हरा रंग- झारखण्ड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है। यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक।
- हाथी – राज्य के राजकीय पशु हाथी को दिखाया गया है। यह राज्य की अलौकिक प्राकृतिक संपदा और समृद्धि का घोतक है। हाथी अनुशासन प्रिय भी होते हैं। ऐसे ही यहां के लोग भी अनुशासन प्रिय हैं। हां छेड़छाड़ करने की स्थिति में संघर्ष में भी पीछे नहीं रहते।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्र नाथ महतो, राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, मंत्री चम्पई सोरेन, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक एमवी राव, प्रधान सचिव हिमानी पांडे, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे।