साहिबगंज में अवैध खनन व उसके परिवहन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके राजनीतिक सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू, विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव और तत्कालीन एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा समेत 20 पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम व साहिबगंज के मुफस्सिल थाने में दिया गया है। हाईकोर्ट ने तीर्थनाथ आकाश व अनुरंजन अशोक द्वारा दायर रिट पीटिशन 1954/2021 में आदेश दिया था कि दोनों साहिबगंज के ज्यूरिडिशन थाने में शिकायत दर्ज कराएं। दोनों को आदेश दिया गया था कि वे इस मामले में संबंधित साक्ष्य भी पुलिस को सौंपे। दोनों याचिकाकर्ताओं ने आवेदन दे दिया है। आवेदन मिलने की पुष्टि साहिबगंज पुलिस ने भी की है।
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किस-किस के खिलाफ की गई शिकायत यह शिकायत हेमंत सोरेन, अभिषेक प्रसाद पिंटू, पंकज मिश्रा, डीसी रामनिवास यादव, तत्कालीन एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, डीएफओ मनीष तिवारी, डीएमओ विभूति कुमार, तत्कालीन एसडीपीओ प्रमोद मिश्रा, राजेंद्र दुबे, दाहू यादव, विष्णु यादव, पवितर यादव, आलोक रंजन, पतरू सिंह, टिंकल भगत, बच्चू यादव, संजय कुमार यादव, भगवान भगत, भावेश भगत, विक्रम प्रसाद सिंह उर्फ सोनू शामिल हैं। आरोप है कि हेमंत सोरेन, अभिषेक प्रसाद पिंटू और पंकज मिश्रा के कहने पर सरकारी पदाधिकारियों ने अवैध खनन परिवहन कराया।
इसमें नामजद कारोबारियों व अपराधियों की भूमिका रही। अवैध खनन से सभी लाभान्वित हुए। सड़क के साथ-साथ रेलवे और फेरी सर्विस के जरिए भी बगैर चालान अवैध परिवहन किए जाने की शिकायत की गई है। साक्ष्य के तौर पर भी 200 से अधिक पन्ने का दस्तावेज साहिबगंज पुलिस को सौंपा गया है।
डीएसपी राजेंद्र दुबे से ईडी ने की पूछताछ
साहिबगंज में अवैध खनन केस में ईडी ने सोमवार को डीएसपी राजेंद्र दुबे से लंबी पूछताछ की। राजेंद्र दुबे दिन के 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे थे, जहां उनसे देर शाम तक पूछताछ हुई। जानकारी के अनुसार, ईडी के अवैध खनन के गवाह विजय हांसदा को प्रभावित करने से जुड़े मामले में भी राजेंद्र का बयान लिया गया। वहीं साहिबगंज में जो इलाके राजेंद्र दुबे के अधीन आते हैं, वहां इस पर लगाम को लेकर क्या कार्रवाई की गई, इससे जुड़े सवाल भी ईडी के अधिकारियों ने पूछे।