लॉकडाउन के कारण अपने राज्य लौटे प्रवासी मजदुर अनलॉक होने के बाद रोजगार की तलाश में फिर वहीं जाने लगे जहाँ वे काम करते थे. पलामू जिले के भी तीन मजूदर रोजगार की तलाश में केरल गए थे. जहाँ 3 अगस्त को उनकी हत्या कर दी गयी.
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कैसे हुई प्रवासी मजदूरों की हत्या:
पलामू जिले के पांडू प्रखंड से अनलॉक होने के बाद सभी मजदूर केरल के कोडिकोड जिला के कस्वा थाना क्षेत्र स्थित पालम जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करने गए थे. झारखंड से केरल जाने के बाद तीन मजदूर अरविंद राम, कनहाई विश्वकर्मा व हरि ओम राम को 14 दिनों के होम क्वारंटाइन में रखा गया था. समय अवधि पूरा होने से पूर्व ही तीनो मजदूर बाहर निकल कर करीब 500 मीटर दूर चले गए. जहाँ गाँव वालो से इनकी कहा सुनी हो गई. जिसके बाद स्थानीय गाँव वालो ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी. परिजनों को सूचना मिलने के बाद उनका रो-रो कर बुरा हाल था. जबकि केरल के स्थानीय प्रशासन का कहना है की इनकी मौत ट्रैन से कट कर हुई है.
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5 दिन बाद घर लाया गया प्रवासी मजदूरों का शव:
तीनो मजदूरों की हत्या 3 अगस्त को कर दी गई थी. जिसके बाद उनके शव को राज्य वापस लाने का प्रयास किया जा रहा था, तीनो मजदूरों का शव 8 अगस्त की सुबह राज्य वापस ले आया गया. शवों की स्थिति काफी ख़राब हो चुकी थी. शव का आधा हिस्सा सड़ चूका था और काफी दुर्गन्ध भी आ रहा था. दुर्गन्ध आने की वजह से शव के नजदीक कोई नहीं जा रहा था. स्थानीय लोगो और जनप्रतिनिधियों ने राज्य से मांग करते हुए कहा है की इसकी जाँच करवाई जाए क्यूंकि केरला प्रशासन इसपर लीपापोती कर रहा है। साथ ही राज्य आपदा-प्रबंधन की तरफ से मृतक के परिजनों को मुआवजा भी मिले।