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अलग राज्य बनाने का क्रेडिट लेने वाली पार्टी क्यों नहीं 1932 खतियान और सरना कोड पर मुहर लगाती, आखिर आदिवासियों से भेदभाव क्यों

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में खुशहाली का माहौल है, जो विपक्षी दलों को सुहा नहीं रहा है। इसलिए वे लोगों को हिंदु-मुस्लिम और आदिवासियों को आपस में लड़ाने का फॉर्मूला अपना रहे हैं। इसके सहारे अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं।

आगे कहा कि हम भगवान बिरसा और तिलकामांझी के संघर्षों को मिटने नहीं देंगे। सीएम सोरेन सोमवार को जिला मुख्यालय के पुग्गू हवाई अड्डा में खतियानी जोहार यात्रा के तहत विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि अब झारखंड के सभी संप्रदाय और समाज के लोग राजनैतिक रूप से जागरूक और सजग हो गये हैं। विपक्षी दलों की षडयंतकारी साजिश कामयाब नहीं होंने देंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य की आत्मा वह भावना हर तरह से समझ रहे हैं। विपक्षी अपने पाप छिपाने के लिए उन पर तरह-तरह के आरोप लगा पाप का ठिकरा फोड़ना चाहते हैं। पर वे इससे वे घबराने वाले नहीं हैं। शिबू सोरेन ने अलग राज्य दिया, तो हेमंत सोरेन ने कानून बनाकर 32 का खतियान दिया। सीएम ने कहा कि भाजपा झारखंड गठन पर मोहर लगा कर यह राज्य निर्माण का श्रेय लेने का प्रयास करते रहे हैं। राज्य सरकार ने 1932 का खतियान,ओबीसी को 27 प्रतिशत का आरक्षण और सरना कोड लागू करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है, हिम्मत है,तो इसे लागू करायें।

राज्य के गांवों को मजबूत करना होगा, तभी यह राज्य मजबूत होगा। उन्होंने आदिवासी समुदाय की महिलाओं से हड़िया-दारू नहीं बेचने की अपील करते हुए सरकार की योजनाओ का लाभ लेने की बात कही हैं।