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Jharkhand Old Pension Scheme: झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से हर घर ख़ुशी की लहर, बन रही बुढ़ापे की लाठी

News Desk

Jharkhand Old Pension Scheme: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करके सरकारी कर्मचारियों को बुढ़ापे में होने वाली समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए एक सहारा दिया है. पुरानी पेंशन योजना को हेमंत सोरेन कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा।

कैबिनेट सचिव वंदना डडेल ने संवाददाताओं से कहा कि कमेटी योजना के कार्यान्वयन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार करेगी। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा। पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था और इसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से बदल दिया गया था। अब हेमंत सरकार के द्वारा पुरानी पेंशन योजना को कैबिनेट से स्वीकृति देने के बाद राज्य भर के  सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है सरकारी कर्मचारियों के साथ ही उनके परिजन भी बेहद खुश है.  कैबिनेट से योजना पर मुहर लगने के बाद सरकारी कर्मचारी सड़कों पर उतरकर हेमंत सोरेन के पक्ष में नारेबाजी करते हुए उन्हें आभार जताया है. 

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BBMKU के शिक्षकों ने कहा- पुरानी पेंशन योजना को मंजूरी यानी बुढ़ापे की लाठी:

झारखंड सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को कैबिनेट में मंजूरी दिए जाने की ख़ुशी में 18 जुलाई को बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के सैकड़ों शिक्षक एवं कर्मचारीयों ने विश्वविद्यालय परिसर में जमा होकर सरकार के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने मिठाइयां बांटी तथा झारखंड सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ. डी. के सिंह ने हेमंत सरकार के इस निर्णय को साहसिक और ऐतिहासिक करार दिया. कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को बुढ़ापे की लाठी देकर वादे को निभाया है. इसके लिए शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी सरकार के प्रति कृतज्ञ हैं.

Jharkhand Old Pension Scheme: झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से हर घर ख़ुशी की लहर, बन रही बुढ़ापे की लाठी 1

इस अवसर पर उन्होंने मांग की कि एफिलिएटिड कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के साथ भी न्याय किया जाए. बीबीएमकेयू के वित्त पदाधिकारी डॉ बीएन सिंह ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से प्रतिभाशाली युवा ज्यादा से ज्यादा इस पेशे की तरफ आकर्षित होंगे. इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू डॉ देवजानी विश्वास, सीसीडीसी डॉ अशोक कुमार माजी, प्रो एनके अम्बष्ट, प्रो आरएस यादव, डॉ कविता सिंह, प्रो आरपी सिंह, डॉ मुनमुन शरण, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ उमेश कुमार, डॉ मुकुंद रविदास, डॉ मौसूफ़ अहमद, प्रो जीएन मिश्रा, प्रो मनोज कुमार, डॉ अजीत कुमार दास, अनिल पासवान, संजय झा, दीपक मिश्रा, मनोज महतो, नितेश कुमार, प्रेम कुमार सहित सैकड़ों शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे.

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