Skip to content

Anti-CAA प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस पर लगा महिलाओ के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप

NRC-NPR और CAA लागू करने के फैसले के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए. दिल्ली में शुरू हुआ एंटी-सीएए आंदोलन देखते-देखते पुरे देश में फ़ैल गया और जमकर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए.

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन ने कहा है कि एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों पर दिल्ली पुलिस के द्वारा कितनी बर्बरता कि गई यह किसी से छुपी नहीं है. 10 फ़रवरी को जामिया के बाहर हो रहे प्रदर्शन में जिसमे भारी संख्या में छात्र और स्थानीय निवासी थे उनपर दिल्ली पुलिस के द्वारा केमिकल स्प्रे का इस्तेमाल किया गया था. नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन ने इसके खिलाफ न्यायिक जांच और एक श्वेत पत्र की मांग की है.

Also Read: बेंगलुरु हिंसा में मुस्लिम युवाओ ने मंदिर को बचाने के लिए बनाई मानव श्रृंखला

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (CAA, NRC, NPR) के खिलाफ संसद भवन तक एक शांतिपूर्ण विरोध मार्च निकालने का प्रयास किया था लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेड लगा रोक दिया गया था.

एक्टिविस्ट अरुणा रॉय की अगुवाई वाली नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उस मार्च में 70-80 लोग शामिल थे, जिनकी उम्र 15-60 के बीच थी, उनमे से 30-35 पुरुष और 15-17 महिलाओ को काफी चोटे आई थी. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली पुलिस ने विरोध के दौरान 45 महिलाओं और पुरुषों का यौन उत्पीड़न किया।

Also Read: राम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख कोरोना पॉजिटिव, PM मोदी के साथ भूमि पूजन में हुए थे शामिल

महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा छेड़छाड़ की गई, जिन्होंने उनके कपड़े फाड़ने का प्रयास किया, उनके स्तनों पर मुक्का मारा या उनके बूब्स पर थप्पड़ मारे, साथ ही साथ उनके बैटन को योनि में डालने की कोशिश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 15 महिलाओं को उनके निजी अंगों में दर्द हुआ था और उनकी योनि में चोटें आई थीं। “महिलाओं, 16 वर्ष की आयु और 60 वर्ष की उम्र तक, उन पर यौन हमला किया गया था, जिनमें से कई अब गंभीर स्त्री रोग संबंधी जटिलताओं से पीड़ित हैं।